Vivad Se Vishwas I: सरकार ने विवाद समाधान योजना ‘विवाद से विश्वास-I’ स्कीम के तहत सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (MSME) के 256 करोड़ रुपये के रिफंड से जुड़े 10,000 से अधिक दावों को स्वीकार कर लिया है. इस समाधान योजना के तहत MSME कंपनियां कोविड-19 महामारी के दौरान सरकारी विभागों एवं सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं द्वारा जब्त की गई प्रदर्शन या बोली गारंटी के 95 फीसदी अमाउंट के रिफंड का दावा कर सकती हैं. कोविड-19 महामारी के दौरान हुए नुकसान के चलते MSME को 256 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सरकार की तरफ से प्राप्त हुई है.

ये डिपार्टमेंट रिफंड दावों का निपटान करेंगे 

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इसमें MSME को सबसे ज्यादा 116.47 करोड़ रुपये की राहत पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने दी है. इसमें निपटाए गए दावे और पेट्रोलियम मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एजेंसियों द्वारा भुगतान की गई राशि शामिल है. रेलवे और रक्षा मंत्रालयों के तहत एजेंसियों के मामले में निपटान क्रमशः 79.16 करोड़ रुपये और 23.45 करोड़ रुपये का है. वहीं इस्पात और बिजली मंत्रालय क्रमशः 14.48 करोड़ और 6.69 करोड़ रुपये के रिफंड दावों का निपटान करेंगे. 

MSME सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए रिफंड

योजना के दायरे में निर्माण कार्य खरीद और आय अनुबंधों को शामिल किया गया. योजना के तहत कम की गई निष्पादन सुरक्षा, बोली सुरक्षा और परिसमाप्त क्षति के 95 प्रतिशत के रिफंड के माध्यम से राहत प्रदान की गई थी. अनुबंधों के निष्पादन में चूक के कारण वंचित MSME को भी राहत प्रदान की गई. इस योजना के तहत प्रदान की गई राहत, कोविड-19 महामारी से गंभीर रूप से प्रभावित MSME सेक्टर को बढ़ावा देने और इसे बनाए रखने के सरकार के प्रयासों के अनुकूल थी. 

इस योजना की घोषणा वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में की गई थी. यह योजना 17 अप्रैल को खुली और सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) पर दावे जमा करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई थी. वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/ विभागों ने ‘विवाद से विश्वास-एक’ योजना के तहत MSME के 10,000 से अधिक दावों को स्वीकार कर लिया है. इससे MSME को 256 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान मिला है और गारंटी मुक्त करने से बैंक ऋण का प्रवाह भी बढ़ा है.’’

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