चंद्रयान-2: चांद से आई तस्वीरें, क्या अब भी विक्रम लैंडर से हो सकता है संपर्क? जानिए
इसरो (ISRO) ने चंद्रयान-2 (Chadrayaan 2) के ऑर्बिटर द्वारा चांद की सतह की ली गई तस्वीर जारी की हैं. ऑर्बिटर के हाई रेजॉलूशन कैमरे से ली गई तस्वीरों में चांद की सतह बेहद साफ नजर आ रही है. चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर चांद की कक्षा का चक्कर लगा रहा है और यह 7.5 साल तक काम करता रहेगा.
इसरो (ISRO) ने चंद्रयान-2 (Chadrayaan 2) के ऑर्बिटर द्वारा चांद की सतह की ली गई तस्वीर जारी की हैं. ऑर्बिटर के हाई रेजॉलूशन कैमरे से ली गई तस्वीरों में चांद की सतह बेहद साफ नजर आ रही है. चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर चांद की कक्षा का चक्कर लगा रहा है और यह 7.5 साल तक काम करता रहेगा.
100 किलोमीटर ऊंचाई से ली गईं तस्वीेरें
ISRO की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक यह तस्वीर 5 सितंबर को सुबह 4.38 बजे 100 किमी की ऊंचाई से ली गई है. ये तस्वीर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में स्थित बोगुस्लास्की ई क्रेटर के हिस्से (14 किमी का व्यास और 3 किमी की गहराई) और आसपास के हिस्से की है. इस क्रेटर का नाम पालोन एच लुडविग वॉन बोगुस्लास्की के नाम पर रखा गया है, जो एक जर्मन खगोलशास्त्री थे.
शुरू होगी विक्रम लैंडर की तलाश
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने डीप स्पेस नेटवर्क (DSN) के साथ भारत के चंद्रमा लैंडर तक सिग्नल भेजने और संचार स्थापित करने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है. इसरो के एक अधिकारी के अनुसार अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) विक्रम को रेडियो सिग्नल भेज रही है. 06 अक्टूबर से एक बार फिर चंद्रमा पर सूरज की रोशनी पड़ने की संभावना है. ऐसे में एक बार फिर विक्रम लैंडर की तलाश शुरू होगी.
अभी भी है विक्रम लैंडर के मिलने की संभावना
खगोलविद स्कॉट टायली ने भी ट्वीट कर विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित होने की संभावना जताई है. टायली ने 2018 में अमेरिका के मौसम उपग्रह (वैदर सैटेलाइट) को ढूंढ निकाला था. यह इमेज सैटेलाइट नासा द्वारा 2000 में लॉन्च की गई थी, जिसके 5 साल बाद इससे संपर्क टूट गया था.