भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या की संपत्ति जब्ती के विरोध में सोमवार को बंबई हाईकोर्ट में उनकी ओर से दलील दी गई. माल्या की संपत्ति भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून (एफईओए)-2018 के तहत जब्त की गई. इस कानून को कठोर कानून करार देते हुए माल्या के वकील ने कहा कि इस कदम से कर्जदाताओं (क्रेडिटर्स) को राहत नहीं मिलेगी. 

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माल्या के वकील अमित देसाई ने न्यायमूर्ति आई. ए. महंती और न्यायमूर्ति ए.एम. बदर के समक्ष दलील पेश करते हुए कहा कि माल्या की संपत्ति जब्त करने की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की योजना से कर्जदाताओं को लाभ नहीं होगा. 

देसाई ने कहा, "जब्ती कठोर कदम है. बैंकों और कर्जदाताओं से सौदा करना वक्त की जरूरत है. वह (माल्या) संपत्ति की वापसी नहीं चाहते हैं. हमारा सिर्फ यही कहना है कि सरकार द्वारा जब्ती से बैंकों व कर्जदाताओं की समस्याओं का समाधान नहीं होगा."