Vice President Jagdeep Dhankhar: ₹4 लाख हर महीने मिलता है वेतन, Pension में मिलते हैं कई तरह के भत्ते
Vice President Jagdeep Dhankhar: उपराष्ट्रपति को वेतन कितना और किन नियमों के आधार दिया जाता है और कौन-कौन सुविधाएं मिलती हैं.
देश को नया उपराष्ट्रपति (Vice President) मिल गया है. उपराष्ट्रपति के चुनाव में जीत हासिल करने वाले जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) 11 अगस्त को शपथ लेंगे. जगदीप धनखड़ देश के 14वें उपराष्ट्रपति होंगे. आइए जानते हैं कि उपराष्ट्रपति को वेतन कितना व किन नियमों के आधार दिया जाता है और कौन-कौन सुविधाएं मिलती हैं.
4 लाख रुपये प्रति माह मिलता है वेतन
देश के राष्ट्रपति को "संसद अधिकारी का वेतन और भत्ता अधिनियम, 1953" के अनुसार सैलरी दी जाती है. उपराष्ट्रपति राज्यसभा का अध्यक्ष भी होता है, इसलिए उन्हें अध्यक्ष के तौर पर वेतन और अन्य सुविधाएं दी जाती हैं. उन्हें हर महीने चार लाख रुपये वेतन के तौर पर दिया जाता है. इसके अलावा उन्हें कई तरह के भत्ते भी मिलते हैं. उपराष्ट्रपति का वेतन 2018 में बढ़ाया गया था. इसके पहले उन्हें 1.25 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन के तौर पर मिलते थे.
उपराष्ट्रपति भवन होता है उपराष्ट्रपति का घर
भारत के उपराष्ट्रपति का आधिकारिक घर उपराष्ट्रपति भवन के नाम से जाना जाता है, जो देश की राजधानी नई दिल्ली में मौलाना आजाद रोड पर स्थित है. इस रोड पर स्थित 6 नंबर का बंगला मई 1962 से देश के उपराष्ट्रपति के आधिकारिक भवन के रूप में स्थापित है. उपराष्ट्रपति भवन का क्षेत्रफल 6.48 एकड़ (26,223.41 वर्ग मीटर) में है. दक्षिण दिशा से भवन मौलाना आजाद रोड, पूर्व दिशा से मानसिंह रोड, पश्चिम में राजपथ के बगल हरे मैदान से घिरा है.
मोबाइल सेवा समेत मुफ्त होती है हवाई यात्राएं
उपराष्ट्रपति को वेतन के अलावा अन्य कई दैनिक भत्ते भी दिए जाते हैं, जिनमें लैंडलाइन कनेक्शन, मोबाइल फोन सेवा, मुफ्त चिकित्सा और देखरेख के अलावा मुफ्त रेल और हवाई यात्राएं भी मिलती हैं. उपराष्ट्रपति के लिए सरकारी और निजी दोनों तरह की सुरक्षा होती है.
अन्य सुविधाओं में क्या-क्या मिलता है?
- मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं
- मुफ्त ट्रेन और हवाई सफर
- लैंडलाइन कनेक्शन
- सरकारी आवास
- मोबाइल फोन सर्विस
- कार
- सुरक्षा
- सरकार की तरफ से कार्यालय और स्टाफ दिया जाता है.
- राष्ट्रपति की गैरमौजूदगी में उपराष्ट्रपति ही राष्ट्रपति का दायित्व संभालते हैं.
- रिटायरमेंट के बाद सैलरी का 50 प्रतिशत पेंशन के तौर पर मिलता है.