वैष्‍णो देवी जाने वालों के लिए खुशखबरी है. अब उन्‍हें वैष्‍णो माता भवन से भैरव मंदिर तक पहुंचने के लिए ज्‍यादा मशक्‍कत नहीं करनी पड़ेगी. इस रूट पर नया रोपवे तैयार हो रहा है, जिसका काम अंतिम चरण में है. एक अधिकारी ने कहा कि यह बहुत जल्द श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा. विशेषज्ञों का एक दल अंतिम परीक्षण और सुरक्षा संबंधी अन्य जांच कर रहा है.

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त्रिकुटा पहाड़ियों पर बन रहा रोपवे

यह रोपवे जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के त्रिकुटा पहाड़ियों में स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर तक जाने के लिए श्रद्धालुओं के सफर को आसान बनाएगा. श्री माता वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सिमरनदीप सिंह ने कहा, 'परियोजना का ट्रायल एवं परीक्षण औपचारिक रूप से 26 नवंबर को शुरू हुआ और यह दिसंबर के पहले हफ्ते तक पूरा हो जाएगा. इसके बाद परियोजना को ‘यात्रियों’ के लाभ के लिए शुरू कर दिया जाएगा.'

स्विस कंपनी ने किया है डिजाइन

इस रोपवे को स्विस कंपनी गर्वेंता ने डिजाइन किया है और इसका परीक्षण भी कर चुकी है. रोपवे पर रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन के लिए पेशेवरों को ट्रेनिंग दी जा रही है. रेस्‍क्‍यू एक्‍सरसाइज के तहत हाल में श्राइन बोर्ड के सीईओ और अन्‍य अफसरों को भवन और भैरव मंदिर के बीच से बचाकर निकाला गया था. इस प्रक्रिया में मेडिकल टीम ने भी हिस्‍सा लिया था. इस परियोजना को पूरा करने में स्विस कंपनी के साथ कोलकाता की दामोदर रोपवे कंस्‍ट्रक्‍शन शामिल रही है. यह परियोजना इन दोनों कंपनियों का संयुक्‍त उद्यम था.

स्विट्जरलैंड से मंगाए गए उपकरण

रोपवे के लिए उपकरण और केबिन स्विट्जरलैंड से मंगाए गए हैं. रोपवे सिस्‍टम के बारे में अधिकारियों का कहना है कि यह सभी सुरक्षा मानकों पर खरा उतरा है.

 

1 घंटे में 800 यात्रियों को ढो सकेगा

रोपवे की क्षमता 1 घंटे में 800 यात्रियों को ढोने की है. इससे उन बुजुर्ग और दिव्‍यांग श्रद्धालुओं को सहूलियत होगी जिन्‍हें चलने-फिरने में दिक्‍कत होती है. अब उनकी यात्रा आरामदायक हो जाएगी. वह वैष्‍णो माता के दर्शन के बाद बाबा भैरवनाथ के दर्शन भी कर पाएंगे.

6600 फुट ऊंचाई पर है मंदिर

भैरव मंदिर 6600 फुट ऊंचाई पर स्थित है. लोगों के लिए वहां जा पाना आसान नहीं था लेकिन रोपवे चालू होने के बाद यात्रा आसानी से पूरी हो पाएगी. इससे पहले सियार दाबरी से भवन तक के रोपवे का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 मई 2018 को उद्घाटन किया था.