Road Accident Deaths: साल 2022 में देश में कुल चार लाख 61 हजार 312 सड़क हादसे हुए हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा लोगों ने सड़क हादसे में अपनी जान गंवाई है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सदन में दिया है. संसद में सरकार से पूछा गया कि 'क्या सरकार ने हाल ही में ‘देश में सड़क दुर्घटनाएं 2022’ शीर्षक वाली सालाना रिपोर्ट को जारी किया है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है. क्या इस रिपोर्ट से पता चलता है कि कैलंडर वर्ष 2022 के दौरान देश में सड़क दुर्घटनाओं में चिंताजनक बढ़ोत्तरी हुई है? यदि हां,तो पिछले तीन वर्षों के दौरान राज्य/संघ राज्यक्षेत्र-वार कितनी सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं और कितने व्यक्ति मारे गए/घायल हुए हैं?

Road Accident Deaths: 2022 में यूपी में हुए 41,746 सड़क हादसे, 28 हजार से ज्यादा लोगों को आई गंभीर चोट

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सड़क और राजमार्ग मंत्री नितिन गड़कर ने संसद में बताया है कि साल 2022 में 4,61,312 सड़क हादसे हुए हैं. साल 2021 में 4,12,432 सड़क हादसे हुए थे. वहीं, 2022 में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में लोगों ने सड़क हादसे में अपना गंवाई है. साल 2022 में यूपी में सड़क हादसे में 22595 लोगों ने जान गांवाई है. 2021 में ये आंकड़ा 21,227 है. यूपी में साल 2022 में कुल 41,746 सड़क हादसे हुए हैं. इस दौरान 28,541 लोगों को रोड एक्सिडेंट में गंभीर चोटें आई है. 

Road Accident Deaths: यूपी के बाद दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र, 15 हजार से ज्यादा लोगों ने गंवाई जान

यूपी के बाद महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा लोगों ने सड़क हादसे में अपनी जान गंवाई है. साल 2022 में महाराष्ट्र में कुल 33383 सड़क हादसे हुए हैं. इनमें 15,224 लोगों ने सड़क हादसे में अपनी जान गंवाई है. 27239 लोगों को सड़क दुर्घटना में गंभीर चोट आई है. मध्य प्रदेश में 2022 में 54,432 सड़क हादसे हुए हैं. इनमें 13,427 लोगों ने जान गंवा दी है. 55,168 लोगों को चोट लगने की घटनाएं सामने आई है. राजस्थान में 23,614 सड़क हादसे की घटनाएं सामने आई है. 11,104 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. 22,293 लोगों को गंभीर चोट आई है.

राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने बताया कि सड़क पर होने वाले हादसों में 58 फीसदी दुर्घटनाएं पैदल चलने वाले व्यक्तियों की हो रही हैं.  भारत में दुर्घटनाओं का यह आंकड़ा देखा जाए तो 2022 में लगभग 32,825 पैदल चलने वाले व्यक्ति दुर्घटनाओं के शिकार हुए हैं. उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि मौजूदा तथ्यों के मुताबिक, पैदल चलने वालों में 31 प्रतिशत व्यक्ति व्यावसायिक कारणों से पैदल चलते हैं.