रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक (Unitech) के घर खरीदारों (Home Buyers) को जल्‍द ही अपने घर का पजेशन मिलने की उम्‍मीद जग गई है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कंपनी के प्रबंधन को संभालने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड की सिफारिश करने वाले केंद्र के प्रस्ताव को मान लिया है.

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जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने पूर्व आईएएस अधिकारी युद्धवीर सिंह मलिक को इसका CMD बनाने की मंजूरी दी है. पिछले महीने कोर्ट ने केंद्र से यूनिटेक को संभालने के लिए कहा था.

आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में आम्रपाली (Amrapali) ग्रुप, जेपी इंफ्राटेक (JayPee Infra) और यूनिटेक (Unitech) के 75,000 से ज्‍यादा होमबॉयर्स अपने सपनों के घरों का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इन रियल्टी दिग्गजों के रुके प्रोजेक्‍ट से जुड़े मामलों को सीज किया है.

नया बोर्ड यूनिटेक की हाउसिंग गड़बड़ी को हल करने के लिए रिजॉल्यूशन फ्रेमवर्क पर दो महीने के अंदर एक रिपोर्ट तैयार करेगा, जिसमें स्टाल्ड हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के बारे में सिफारिशें भी शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी कानूनी कार्यवाही के लिए यूनिटेक लिमिटेड के नए बोर्ड को दो महीने की मोहलत दी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह यूनिटेक के नव नियुक्त बोर्ड द्वारा रिजॉल्यूशन फ्रेमवर्क निगरानी के लिए एक सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की नियुक्ति करेंगे. 

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वह रियल एस्टेट दिग्गज के प्रबंधन (Management) को संभालने के लिए तैयार है. यह फैसला तकरीबन 30,000 घर खरीदारों (Home Buyers) के लिए बड़ा महत्वपूर्ण है.

सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर में एक सुनवाई के दौरान केंद्र से कंपनी के Management को संभालने की संभावना का पता लगाने के लिए कहा था. इससे पहले 2009 में सरकार ने घोटालेबाज सत्यम को भी अपने कब्जे में ले लिया था.

हालांकि जेपी इंफ्राटेक हाउस खरीदारों को ई-वोटिंग समर्थित नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉपोर्रेशन (NBCC) की पेशकश के जरिए होमबॉयर्स और कर्जदाताओं सहित 97.36 फीसदी हिस्सेदारों के बहुमत के रूप में 2020 में राहत की सांस मिल सकती है. अब होमबॉयर्स के अधिकारों की सुरक्षा और रुकी हुई परियोजनाओं के पूरा होने की उम्‍मीद है. लीगल सर्किट में हालांकि आम्रपाली ग्रुप और यूनिटेक दोनों ही अटके हुए हैं.