केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति ने जोशीमठ के लिए 1658.17 करोड़ रुपये की  रिकवरी और रिकंस्ट्रक्शन योजना को मंजूरी दे दी है.  इस योजना के तहत, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) की Recovery & Reconstruction विंडो से 1079.96 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता प्रदान की जाएगी. गौरतलब है कि जोशीमठ पिछले दिनों भूस्खलन और जमीन धंसने से प्रभावित हुआ था. 

राज्य सरकार बजट से खर्च करेगी 451.80 करोड़ रुपए

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राज्य सरकार राहत के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) से 126.41 करोड़ रुपये और राज्य के बजट से 451.80 करोड़ रुपये प्रदान करेगी, जिसमें पुनर्वास के लिए 91.82 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण लागत भी शामिल है. जोशीमठ के लिए रिकवरी योजना को बेस्ट प्रैक्टिसिस, Build Back Better (BBB) सिद्धांतों और sustainability initiatives का पालन करते हुए तीन वर्षों में लागू किया जाएगा. एक आधिकारिक बयान के अनुसार केन्द्र सरकार ने राज्य को सभी आवश्यक तकनीकी और अन्य जरूरी मदद की थी. 

सितंबर में वैज्ञानिकों ने जारी की थी रिपोर्ट, बताए थे ये कारण

जनवरी में, जोशीमठ में घरों और जमीन पर दरारें आ गई थीं और बड़ी संख्या में लोगों को अस्थायी राहत शिविरों में ले जाना पड़ा था. जोशीमठ में भूमि धंसाव का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिक और तकनीकी संस्थानों ने सितंबर में एक रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में मौजूद संकट के लिए पहाड़ी शहर के ढलान पर स्थित होने के साथ ही जनसंख्या दबाव, बहुमंजिला इमारतों का निर्माण और ऊपरी क्षेत्रों से आने वाले पानी का उचित प्रबंधन के लिए किसी प्रणाली के अभाव को जिम्मेदार बताया गया था.

जोशीमठ में जिन संस्थानों ने इस समस्या का अध्ययन किया उनमें केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, केंद्रीय भूजल बोर्ड, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान आदि शाामिल थे.