ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को केंद्रीय कैबिनेट से मिली हरी झंडी, ₹19,744 करोड़ खर्च करेगी सरकार, जानें क्या है मकसद
National Green Hydrogen Mission: केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दे दी है.
National Green Hydrogen Mission: सरकार ने बुधवार को 19,744 करोड़ रुपये के व्यय के साथ राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission) को मंजूरी दे दी. इस पहल का मकसद देश को ऊर्जा के स्वच्छ स्रोत के उत्पादन का वैश्विक केंद्र बनाना है. केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दे दी है. भाषा की खबर के मुताबिक, मिशन के लिये शुरुआती खर्च 19,744 करोड़ रुपये है. इसमें हरित हाइड्रोजन की तरफ बदलाव को रणनीतिक हस्तक्षेप (साइट) कार्यक्रम के लिए 17,490 करोड़ रुपये, पायलट परियोजनाओं के लिये 1,466 करोड़ रुपये, अनुसंधान और विकास के लिए 400 करोड़ रुपये और मिशन से जुड़े दूसरे कामों के लिये 388 करोड़ रुपये तय किए गए हैं.
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय तैयार करेगा दिशानिर्देश
खबर के मुताबिक, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of New and Renewable Energy) योजना के क्रियान्वयन को लेकर दिशानिर्देश तैयार करेगा. मिशन के तहत 2030 तक देश में लगभग 1,25,000 मेगावॉट की संबद्ध नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वृद्धि के साथ हर साल कम-से-कम 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें आठ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश और 2030 तक छह लाख से अधिक नौकरियों के पैदा होने की उम्मीद है. साथ ही इससे जीवाश्म ईंधन (कच्चा तेल, कोयला आदि) के आयात में एक लाख करोड़ रुपये तक की कमी आने का अनुमान है. इसके अलावा ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में पांच करोड़ टन की कमी आएगी.
ग्रीन हाइड्रोजन मिशन से होगा ये फायदा
आधिकारिक बयान के मुताबिक, मिशन से कई लाभ होंगे. इसमें हरित हाइड्रोजन (Green Hydrogen) और इससे संबद्ध उत्पादों के लिए निर्यात अवसरों का सृजन, उद्योगों, परिवहन और ऊर्जा क्षेत्रों में कार्बन उत्सर्जन में कमी, आयातित जीवाश्म ईंधन में कमी, देश में विनिर्माण क्षमता का विकास, रोजगार के अवसर सृजित होना और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का विकास शामिल है.
वित्तीय प्रोत्साहन के उपाय किए गए हैं
मिशन हरित हाइड्रोजन (National Green Hydrogen Mission) की मांग तैयार करने के साथ उत्पादन, उपयोग और निर्यात की सुविधा प्रदान करेगा. हरित हाइड्रोजन की तरफ बदलाव कार्यक्रम के लिए रणनीतिक हस्तक्षेप के तहत इलेक्ट्रोलाइजर का घरेलू स्तर पर विनिर्माण और हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए दो अलग-अलग वित्तीय प्रोत्साहन उपाय किए गए हैं. इलेक्ट्रालाइजर का उपयोग हरित हाइड्रोजन के उत्पादन में किया जाता है.ठाकुर ने कहा कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of New and Renewable Energy) मिशन के कार्यों के क्रियान्वयन और समन्वय के लिए जिम्मेदार होगा.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें