Chandrayaan 2 के तहत ISRO ने चंद्रमा की कक्षा में जो ऑर्बिटर स्थापित किया है वो पूरी तरह से काम करना शुरू कर चुका है. रविवार को आर्बिटर ने विक्रम लैंडर की तस्वीरें भी भेजी हैं. इस ऑर्बिटर को जल्द ही इजराइल के लूनर मिशन के तहत चंद्रमा पर भेजे गए लैंडर को खोजने की जिम्मेदारी भी मिल सकती है. दरअसल कुछ महीने पहले इजराइल ने अपने लूनर मिशन के तहत एक लैंडर चंद्रमा की सतह पर भेजा था. ये लैंडर सतह पर उतरने से पहले ही क्रैश हो गया. इस लैंडर का क्या हुआ अब तक पता नहीं लग सका है.
 
बेहद खास है आर्बिटर का कैमरा
ISRO की ओर से भेजा गया आर्बिटर में ऑप्टिकल हाई रेज्युलूशन कैमरा लगे हैं. ये बड़ी बारीकी से चांद की सतह की तस्वीरें ले रहा है. ये दुनिया के सबसे बेहतरीन कैमरों में से एक है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि ऑर्बिटर इजराइल के लैंडर का भी आसानी से पता लगा सकता है. इजराइल स्पेस एजेंसी जानना चाहती है कि आखिर उसके लैंडर के साथ हुआ क्या.
 
इजराइल ने भेजा था लैंडर
इजराइल ने अपना जो लैंडर भेजा था उसका नाम बैलेशीत है. इस लैंडर में एक डिजिटल लाइब्रेरी भी भेजी गई थी इसमें सारे मैनकाइंड की हिस्ट्री भेजी गई थी. इसके अलावा इसमें बहुत सारे इक्यूपमेंट भी भेजे गए थे.
 
विक्रम लैंडर की लोकेशन पता लगी
ISRO प्रमुख के सिवन ने रविवार को चंद्रयान 2 मिशन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि विक्रम लैंडर के लोकेशन का पता चल गया है. साथ ही ऑर्बिटर ने लैंडर की थर्मल फोटो भी खींची है. हालांकि उन्होंने कहा है कि विक्रम से कम्यूनिकेशन स्थापित नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि हम विक्रम से कम्यूनिकेशन करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि हम विक्रम लैंडर से जल्द ही संपर्क कर सकेंगे.