घर-घर में रसोई गैस पहुंचाने के लिए शुरू की गई उज्ज्वला योजना को सफल बनाने के लिए मोदी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है, लेकिन गरीब लोगों के लिए 14 किलो का सिलेंडर दोबारा रिफिल करवाना आसान नहीं है. ऐसे पेट्रोलियम मंत्रालय ने फैसला किया कि उज्ज्वला योजना के तहत मिले 14 किलो के सिलेंडर को वापस करके 5 किलो वाला सिलेंडर लिया जा सकता है, ताकि लोग उसे आसानी से रिफिल करवा सकें. अब सुनने में आ रहा है कि लोग इस अफवाह के चलते 5 किलो का सिलेंडर नहीं ले रहे हैं कि उसके साथ सब्सिडी नहीं मिलती है. अब मंत्रालय के लोग गैस एजेंसियों के साथ मिलकर गांव-कस्बों में जा रहे हैं और लोगों को समझा रहे हैं कि 5 किलो के सिलेंडर के साथ भी सब्सिडी मिलती है.

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उज्ज्वला योजना के तहत 14 किलो के सिलेंडर की जगह पांच किलो का सिलेंडर लिया जा सकता है. इतना ही नहीं, जब लाभार्थी लगे कि उसकी जरूरत बढ़ गई है तो वह 14 किलो का सिलेंडर वापस ले सकता है. इसके लिए उसे कोई भी अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा.

सरकार इस समय साल में 14 किलो के 12 सिलेंडर पर सब्सिडी देती है, जबकि 5 किलो के 34 सिलेंडर पर एक साल में सब्सिडी ली जा सकती है. इस तरह देखा जाए तो लोगों को सब्सिडी का कोई नुकसान नहीं होगा. इंडियन गैस एजेंसी के संचालक अमित कुमार ने बताया 'कई घरों में लोग प्राइवेट निर्माताओं द्वारा बनाए 5 किलो के सिलेंडर इस्तेमाल करते हैं. ये सिलेंडर महंगे भी होते हैं और असुरक्षित भी. ऐसे में सरकारी गैस कंपनी की एजेंसी से ही पांच किलो का सिलेंडर लेने में समझदारी है.' 

सरकारी गैस कंपनियों के अधिकारी डीलर्स के साथ मिलकर जगह-जगह कैंप लगा रहे हैं और लोगों में ये जागरुकता फैला रहे हैं कि अगर वो पांच किलो का सिलेंडर लेंगे, तो उस पर भी उन्हें सब्सिडी का लाभ मिलेगा. सरकार को उम्मीद है कि यदि उज्ज्वला के लाभार्थी 14 किलो की जगह 5 किलो का सिलेंडर ले लेंगे, तो रिफिल कराने की तादात बढ़ जाएगी. अभी कई लोग ये सोचकर 5 किलो का सिलेंडर नहीं ले रहे हैं कि उस पर सब्सिडी नहीं मिलेगी.