डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए अब नहीं जाना होगा कॉलेज, डिजिलॉकर अकाउंट में रखे डॉक्यूमेंट से ही हो जाएगा काम
Digilocker Account: यूजूसी ने सभी शैक्षणिक संस्थाओं से डिजिलॉकर में मौजूद डिग्री, मार्कशीट आदि को वैलिड डाक्यूमेंट मानने के लिए अनुरोध किया है.
Digilocker Account: छात्रों को अब दूसरे कॉलेज में एडमिशन लेते समय डॉक्यमेंट वेरिफिकेशन के लिए खुद कॉलेज जाने की जरूरत नहीं होगी. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को एक लेटर लिखकर डिजिलॉकर अकाउंट में जारी किए डॉक्यूमेंट, डिग्री, मार्कशीट और अन्य दस्तावेजों को वैलिड डॉक्यूमेंट के रूप में स्वीकार करने का अनुरोध किया.
NAD की पहुंच को बढ़ाएं
UGC के सचिव रजनीश जैन ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को लिखे पत्र में कहा, "सभी शैक्षणिक संस्थानों से अनुरोध है कि वे डिजिलॉकर खाते (DigiLocker account) में जारी किए गए दस्तावेजों में उपलब्ध डिग्री, मार्कशीट और अन्य दस्तावेजों को राष्ट्रीय शैक्षणिक डिपॉजिटरी (National Academic Depository) कार्यक्रम की पहुंच बढ़ाने के लिए वैलिड दस्तावेजों के रूप में स्वीकार करें."
कहीं से भी एक्सेस कर सकते हैं डॉक्यूमेंट
उन्होंने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं कि नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी (NAD), एकेडमिक इंस्टीट्यूशन्स द्वारा डिजिटली जारी किए गए एकेडमिक अवार्ड्स (डिग्री-मार्कशीट आदि) का एक ऑनलाइन भंडार है. यह छात्रों को कहीं से भी बिना फिजिकली मौजूद हुए सीधे डिजिटल प्रारूप में प्रामाणिक डॉक्यूमेंट/ सर्टिफिकेट प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है.
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यूजीसी सचिव ने बताया कि भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने यूजीसी को NAD को एक स्थायी योजना के रूप में लागू करने के लिए अधिकृत किया है. इसमें यह बिना किसी यूजर शुल्क के डिजिलॉकर को NAD का डिपॉजिटरी बना रही है.
एजुकेशनल इंस्टीट्यूट कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन
UGC ने बताया कि सभी शैक्षणिक संस्थान डिजिलॉकर NAD पोर्टल के माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं और अपने संस्थान के सभी मार्कशीट और सर्टिफिकेट को NAD पर अपलोड कर सकते हैं.