दुनियाभर में इन दिनों तुर्की-सीरिया में आए भूकंप (Turkey-Syria Earthquake) की चर्चा है. इस महाविनाशकारी भूकंप की तस्‍वीरें देखकर ही आपका दिल दहल जाएगा. हजारों इमारतें इस भूकंप में जमींदोज हो गईं. 21 हजार से ज्‍यादा लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. अज्ञात संख्‍या में लोग अभी भी मलवे के ढेर के नीचे दबे हुए हैं. आज बेशक भूकंप की घटना ने तुर्की को प्रभावित किया है, लेकिन ये एक ऐसी आपदा है जिसके बारे में पहले से कुछ नहीं कहा जा सकता. कभी भी किसी के सामने भी ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है. 

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ऐसे में इन स्थितियों से बचाव के लिए न सिर्फ पहले से तैयारी जरूरी है, बल्कि इन हालातों में खुद का बचाव कैसे किया जाए, ये समझना भी बहुत जरूरी है. भारत सरकार की राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority)की वेबसाइट पर भूकंप के हालातों से बचाव और भूकंप आने पर निपटने के तरीकों के बारे में बताया गया है.

आइए आपको बताते हैं कि इस मामले में भारत सरकार के क्‍या हैं निर्देश.

भूकंप आने पर क्‍या करें

  • भूकंप के झटके शुरू हों, तो धीरे-धीरे कुछ कदम चलकर किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचें.
  • झटकों के रुकने पर घर में तब तक रहें जब तक कि आप ये सुनिश्चित न कर लें कि घर से बाहर निकलना सुरक्षित है या नहीं.
  • अगर आप घर के अंदर हैं और अचानक भूकंप आ जाए तो फौरन जमीन पर झुक जाए, किसी मजबूत मेज या फर्नीचर के किसी हिस्से के नीचे बैठ जाएं.
  • आपके पास कोई मेज या डेस्क न हो तो अपने चेहरे और सिर को अपने बाजुओं से ढक लें और बिल्डिंग के किसी कोने में झुक कर बैठ जाएं.
  • शीशे, खिड़कियों, दरवाजों और दीवारों या ऐसी कोई चीज जो गिर सकती हो, उससे दूर रहें.
  • अगर आप बेड पर हैं और भूकंप आ जाए तो उस स्थिति में बेड पर ही रहें और सिर पर किसी तकिए से ढककर उसे बचाएं. 
  • जब तक भूकंप के झटके न रुकें और बाहर जाना सुरक्षित न हो, तब तक घर के अंदर ही रहें. ज्‍यादातर रिसर्च बताती हैं कि अधिकतर चोटें तब लगती हैं, जब मकान के अंदर मौजूद लोग किसी दूसरी जगह या बाहर जाने का प्रयास करते हैं.
  • किसी दरवाजे से निकलकर बाहर तभी जाएं जब वो दरवाजा आपके निकट हो और आप इस बात को लेकर आश्‍वस्‍त हों कि ये काफी मजबूत और वजन को झेल सकने वाला दरवाजा है.

घर के बाहर होने पर याद रखें

  • अगर आप घर के बाहर हैं और अचानक भूकंप आ जाए तो जहां हैं, वहां से हिलें नहीं.
  • बिल्डिंग, पेड़ों, स्ट्रीट लाइटों और बिजली/टेलीफोन आदि की तारों से दूर रहें.
  • यदि आप किसी खुली जगह पर हों तो वहां तब तक रुके रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं. सबसे बड़ा खतरा बिल्डिंग के बाहर, निकास द्वारों और इसकी बाहरी दीवारों के पास होता है. 
  • याद रहे कि भूकंप से जुड़ी ज्‍यादातर दुर्घटनाएं दीवारों के गिरने, टूटकर गिरने वाले कांच और गिरने वाली वस्तुओं के कारण होती हैं. 
  • अगर आप भूकंप के दौरान किसी वाहन में हैं तो जितनी जल्दी संभव हो सुरक्षा के साथ गाड़ी रोकें और गाड़ी में ही रुके रहें.
  • कार को बिल्डिंग, पेड़ों, ओवरपास, बिजली/टेलीफोन आदि की तारों के आसपास या नीचे रोकने से बचें.
  • सावधानी से भूकंप के रुकने के बाद आगे बढ़ें और सड़कों, पुलों, रैम्प से बचें.

हमेशा ये तैयारी करके रखें

भूकंप की स्थिति का कुछ पता नहीं होता है, इसलिए इस आपात स्थिति से बचाव के लिए पहले से कुछ तैयारी रखने की जरूरत होती है. हम सभी को इसको लेकर अलर्ट रहना चाहिए. जानिए कौन सी तैयारी पहले से जरूरी है-

  • घर की छत और नींव में पड़ी दरारों की मरम्‍मत करवाएं.
  • सीलिंग में झूमर, लाइट आदि को सही तरीके से टांगें.
  • दीवार पर शेल्‍फ को सावधानी से कसवाएं और उसमें कोई भारी चीज जरूर रखें.
  • तस्वीर और शीशे आदि को, बिस्तर, सोफा, बेंच या कोच या जहां भी लोग बैठते हैं, उस स्‍थान से दूर रखें.
  • एक एमरजेंसी किट तैयार करें. इस किट में आवश्‍यक दवाएं, कैश, कार्ड, फर्स्‍ट एड का सामान, रस्‍सी, डोरी, थैला, टॉर्च, मोमबत्‍ती और माचिस आदि जरूरी चीजें रखें.

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