बस, टैक्‍सी में चलने वाले यात्रियों खासकर महिलाओं की सुरक्षा को ध्‍यान में रखते हुए मोदी सरकार नई योजना लेकर आई है. 1 जनवरी 2019 से देश में चलने वाले सभी नए सार्वजनिक परिवहन वाहनों में अब निगरानी और आपात (इमरजेसी) बटन जैसे सुरक्षा उपकरण लगाना अनिवार्य होगा. यह नियम एक जनवरी 2019 या उसके बाद पंजीकृत वाहनों के लिए होगा. 

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ऑटो और ई-रिक्‍शा में नहीं होगा इमरजेंसी बटन

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा को छोड़कर सभी नए सार्वजनिक परिवहन वाहनों में आपात बटन के साथ ‘वाहन की स्थिति की वास्तविक समय में जानकारी देने वाले निगरानी उपकरण’ (व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग-वीएलटी) लगाना अनिवार्य होगा. यह नियम एक जनवरी, 2019 या उसके बाद पंजीकृत होने वाले वाहनों के लिए होगा.'

सरकार जारी करेगी अधिसूचना

अधिसूचना जारी कर वीएलटी और आपात बटन लगाने को अनिवार्य बनाया जाएगा. मंत्रालय ने कहा, 'वीएलटी उपकरण बनाने वाली कंपनियां निगरानी करने की सेवा प्रदान करने में मदद करेंगी. यह नियम यात्रियों की, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लाया गया है.'

1 जनवरी के बाद रजिस्‍ट्रेशन में अनिवार्य होगी यह सेवा

पुराने वाहनों के बारे में मंत्रालय ने कहा कि जो वाहन 31 दिसंबर, 2018 तक पंजीकृत होंगे, उनके संबंध में संबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की सरकारें तय करेंगी कि वह किस तिथि तक उनमें वीएलटी उपरकरण और आपातकाल बटन लगा सकते हैं.

सरकार ने राज्‍यों को परामर्श जारी किया

इस संबंध में मंत्रालय ने राज्यों को परामर्श जारी किया है. सुरक्षा उपकरणों के विनिर्माताओं को उपकरणों की जांच करने वाली एजेंसी के पहले प्रमाणपत्र जारी करने के बाद हर साल उत्पादित किए जाने वाले उपकरणों का परीक्षण करना होगा.

एजेंसी इनपुट के साथ