इसमें कोई संदेह नहीं कि इस बार बजट पेश करते समय वित्त मंत्री पीयूष गोयल की नजर शेयर बाजार के सूचकांकों से ज्यादा आगामी लोकसभा चुनावों के नतीजों पर रही होगी. इस लिहाज से वे अपना निशाना सही तरह साधने में पूरी तरह कामयाब रहे. उन्होंने अपने बजट भाषण में सिर्फ 3 घोषणाओं से 26 करोड़ से ज्यादा लोगों को सीधे फायदा पहुंचाने का ऐलान किया. एक व्यक्ति यदि पांच लोगों के परिवार को प्रभावित करता हो, तो इस तरह कहा जा सकता है कि वित्त मंत्री अपनी इन तीन घोषणाओं से करीब 125 करोड़ भारतीयों का दिल जीतने में कामयाब रहे हैं. ये योजनाएं हैं किसानों के लिए आय समर्थन योजना, मीडिल क्लास वेतनभोगी वर्ग को आयकर में छूट और असंगठित क्षेत्र के लिए पेंशन योजना. टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिलीफ से 4.5 करोड़ लोगों को सीधा फायदा होगा, जबकि इनकम सपोर्ट योजना 12 करोड़ किसानों के लिए राहत लेकर आएगी. असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए पेंशन योजना से करीब 10 करोड़ लोगों को फायदा पहुंचने की उम्मीद है.

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1. 4.5 करोड़ टैक्सपेयर्स को मिला तोहफा

मीडिल क्लास को वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बड़ा तोहफा दिया है. अब 5 लाख तक की आय पूरी तरह टैक्स फ्री होगी. ढेड़ लाख रुपये तक की बचत भी टैक्स फ्री होगी. इस तरह 6.5 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री होगी. इससे करीब 4.5 करोड़ लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है.

2. प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन

बजट में प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन नाम से मेगा पेंशन योजना का ऐलान किया गया है. इसके तहत 15000 रुपये तक मासिक आय वाले लोगों को न्यूनतम 3000 रुपये की पेंशन मिलेगी. उन्हें 100 रुपये प्रति महीने का योगदान करना होगा. इतना ही योगदान सरकार करेगी. असंगठित क्षेत्र के 10 करोड़ कर्मचारियों को इसका लाभ मिलने की उम्मीद है.

3. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना

छोटे और सीमांत किसानों को आय सपोर्ट के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना लागू की जाएगी. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत दो हेक्टेयर से कम जमीन रखने वाले किसानों को हर साल 6000 रुपये मिलेंगे. ये राशि तीन किश्तों में सीधे उनके खातों में ट्रांसफर की जाएगी. इससे करीब 12 करोड़ किसान परिवारों को सीधा लाभ होगा.

ये तीन योजनाएं गांव, गरीब और मिडिल क्लास को टार्गेट करती हैं. इस तरह इन तीन योजनाओं से करीब 26 करोड़ लोगों को सीधे लाभ मिलेगा और सत्ताधारी पार्टी को उम्मीद है कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों को सीधे लाभ पहुंचाने का लाभ उसे आम चुनावों में जरूर मिलेगा.