Tomato Price Hike: पिछले कुछ दिनों में टमाटर के भाव लगातार आसमान छू रहे हैं. देश के कई हिस्सों में ये 200 रुपये किलो के भी पार जा चुका है. लोगों की सब्जियों और सलाद से टमाटर लगभग गायब ही हो चुका है. ऐसे में लोगों को त्वरित राहत पहुंचाने के लिए उपभोक्ता मामलों के विभाग ने शुक्रवार से दिल्ली में सस्ती कीमतों में टमाटर बेचने का फैसला किया है. इसके लिए विभाग ने NAFED और NCCF को आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र की मंडियों से टमाटर तुरंत खरीदने का निर्देश दिया है. इन टमाटरों को आने वाले वक्त में उन क्षेत्रों में पहुंचाया जाएगा, जहां टमाटर की कीमतों में सबसे अधिक तेजी देखने को मिली है. 

दिल्ली में सस्ते दाम में मिलेंगे टमाटर

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उपभोक्ता मामलों के विभाग (Department of Consumer Affairs) ने राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) को आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र की मंडियों से टमाटर तुरंत खरीदने का निर्देश दिया है. इन टमाटरों को उन क्षेत्रों में एक साथ डिस्ट्रीब्यूट किया जाएगा, जहां टमाटर की कीमतों में सबसे अधिक इजाफा देखने को मिला है. 

इसके साथ ही विभाग ने फैसला किया है इस हफ्ते शुक्रवार से Delhi-NCR के क्षेत्र में उपभोक्ताओं को रियायती कीमतों पर खुदरा दुकानों के माध्यम से टमाटर बेचा जाएगा.

कहां मिलेंगे सस्ते टमाटर

विभाग ने बताया कि किन केंद्रों पर टमाटर बेचे जाएंगे, इसकी पहचान पिछले एक महीने में रिटेल कीमतों में हुए इजाफे के आधार पर किया गया है. वो सभी सेंटर जहां कीमतें पूरे देश के औसत कीमत से अधिक है, वहां टमाटरों की सप्लाई की जाएगी. 

भारत में कहां होता है टमाटर का उत्पादन

भारत में टमाटर का उत्पादन अलग-अलग मात्रा में लगभग सभी राज्यों में होता है. अधिकतम उत्पादन भारत के दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में होता है, जो अखिल भारतीय उत्पादन में 56% से 58% का योगदान देते हैं. अधिशेष उत्पादन राज्य होने के कारण दक्षिणी और पश्चिमी राज्य, उत्पादन मौसम के आधार पर अन्य बाजारों को इसकी आपूर्ति करते हैं. विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन सीजन भी अलग-अलग होते हैं. कटाई का मौसम दिसंबर से फरवरी तक होता है. जुलाई-अगस्त और अक्तूबर-नवंबर का मौसम आमतौर पर टमाटर के लिए कम उत्पादन का मौसम होता है. 

जुलाई के साथ-साथ मानसून के कारण वितरण संबंधी चुनौतियां और बढ़ जाती हैं और माल ढुलाई में हानि से कीमतों में बढ़ोतरी होती है. बुवाई और कटाई के मौसम का चक्र और विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन की मौसमी-भिन्नता टमाटर की कीमतों में मौसमी उतार-चढ़ाव के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं. सामान्य मूल्य के अलावा, मौसम का प्रभाव, अस्थायी आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान और प्रतिकूल मौसम के कारण फसल की क्षति, आदि अक्सर कीमतों में अचानक वृद्धि का कारण बनती है.

कहां से आता है टमाटर

वर्तमान में गुजरात, मध्य-प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों के बाजारों में टमाटर की आवक, ज्यादातर महाराष्ट्र, विशेषकर सतारा, नारायणगांव और नासिक से होती है, जो इस महीने के अंत तक रहने की उम्मीद है. आंध्र प्रदेश की मदनपल्ले (चित्तूर) से भी उचित मात्रा में आवक जारी है. दिल्ली एनसीआर में टमाटर की आवक मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश से होती है और कुछ मात्रा कर्नाटक के कोलार से आती है.

नासिक ज़िले से जल्द ही नई फसल की आवक होने की उम्मीद है. इसके अलावा अगस्त में नारायणगांव और औरंगाबाद बेल्ट से अतिरिक्त आपूर्ति आने की उम्मीद है. मध्य-प्रदेश से भी आवक शुरू होने की उम्मीद है. परिणामस्वरूप निकट भविष्य में टमाटर की कीमतें कम होने की उम्मीद है.

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