बैंक खातों को फ्रीज करने के खिलाफ ByteDance की बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका, सरकार से जताई नाराजगी
TikTok News: लोकप्रिय वीडियो ऐप टिक टॉक की पेरेंट कंपनी ByteDance ने अपने बैंक खातों को फ्रीज करने पर नाराजगी जाहिर की है. बॉम्बे हाईकोर्ट में दाखिल अपनी याचिक में बाइटडांस ने कहा कि सरकार का ये कदम गैर-कानूनी और उत्पीड़न करने के लिए है.
TikTok News: लोकप्रिय वीडियो ऐप टिक टॉक की पेरेंट कंपनी ByteDance ने अपने बैंक खातों को फ्रीज करने पर नाराजगी जाहिर की है. बॉम्बे हाईकोर्ट में दाखिल अपनी याचिक में बाइटडांस ने कहा कि सरकार का ये कदम गैर-कानूनी और उत्पीड़न करने के लिए है. वहीं बाइटडांस को हाईकोर्ट से तत्काल कोई राहत नहीं मिली.
याचिका में बाइटडांस ने जताई नाराजगी (BiteDance expressed displeasure in the petition)
चीन की कंपनी बाइटडांस ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया है कि सरकार का उसके बैंक खातों को फ्रीज करना पूरी तरह गलत है. दरअसल संभावित कर चोरी (possible tax evasion) के मामले में उसके 4 खातों को सरकार ने फ्रीज कर दिया था. रॉयटर्स के मुतबिक हाईकोर्ट में अपने जवाब में बाइटडांस ने कहा कि, ऐसा करना न सिर्फ गलत बल्कि प्रताड़ित करने वाला कदम है.
पिछले साल लगा था चीनी ऐप पर बैन (Last year, Chinese app was banned)
पिछले साल LAC पर चीन से हुई झड़प में कई भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. इसके बाद केंद्र सरकार ने बाइटडांस के लोकप्रिय वीडियो ऐप टिक टॉक पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस बैन के बाद बाइटडांस ने जनवरी में अपने कर्मचारियों की संख्या में कमी कर दी. वहीं चीन ने टिक टॉक और दूसरी चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने को लेकर सरकार की आलोचना की थी.
4 खातों को किया गया फ्रीज (Freeze 4 accounts)
पिछले महीने यानी मार्च में टैक्स इंटेलिजेंस यूनिट ने मुंबई में HSBC और सिटी बैंक को बाइटडांस इंडिया के बैंक खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया. टैक्स इंटेलिजेंस यूनिट ने कंपनी की कुछ वित्तीय सौदों की जांच के बाद दोनों बैंको को ये आदेश दिया. जिसके बाद बाइटडांस ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपने 4 खातों को फ्रीज करने को चुनौती दी. इस मामले को जानने वाले 2 लोगों ने कहा कि, बाइटडांस ने खाता फ्रीज होने की वजह से अपने किसी भी कर्मचारी को मार्च की सैलरी नहीं दी है. कंपनी ने हाईकोर्ट को बताया कि उसके 1,335 कर्मचारी हैं जिनमें आउटसोर्स कर्मचारी भी शामिल हैं.
25 मार्च को दाखिल की याचिका (Petition for filing on 25 March)
25 मार्च को बाइटडांस ने बॉम्बे हाईकोर्ट में 209 पन्नों की याचिका दाखिल की. जिसमें कंपनी ने कहा कि अधिकारियों ने उनके खिलाफ बिना किसी भौतिक साक्ष्य (material evidence) के कार्रवाई की. इस कार्रवाई से पहले उन्हें कोई सूचना भी नहीं दी गई. जबकि भारतीय कानून के तहत ऐसी 'कठोर कार्रवाई' (drastic action) से पहले यह जरूरी था. जांच के दौरान खाते को फ्रीज करने पर बाइटडांस ने कड़ी नाराजगी जताई. कंपनी ने तर्क दिया कि यह उसे परेशान करने वाला कदम है.
मामले पर बैंकों ने साधी चुप्पी (Banks silent on the matter)
रॉयटर्स के मुताबिक GSTI (Goods & Services Tax Intelligence) के डीजी और वित्त मंत्रालय ने इसपर फिलहाल कुछ नहीं कहा है. एजेंसी ने पिछले साल बाइटडांस को बताया था कि ऐसा लग रहा है कि कुछ लेनदेन के बारे में जानकारी नहीं दी गई. बाइटडांस ने अदालत में दाखिल अपनी याचिका पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन मंगलवार को रॉयटर्स को बताया कि वह टैक्स अथॉरिटी के निर्णय को सही नहीं मानता. वहीं HSBC ने इस मामले में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जबकि सिटी बैंक ने कोई जवाब नहीं दिया.
बाइटडांस को नहीं मिली राहत (ByteDance didn't get immediate relief)
बुधवार को सुनवाई में बॉम्बे हाईकोर्ट ने बाइटडांस को तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया. मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी.
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