माइक्रोसॉफ्ट इंडिया और डेटा सिक्युरिटी कांउसिल ऑफ इंडिया (डीएससीआई) ने देश में साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में कुशल महिला पेशेवरों की फौज तैयार करने के लिए को सोमवार को तीन वर्षीय साइबर शिक्षा कार्यक्रम का शुभारंभ किया. कार्यक्रम को पेश करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स व दूरसंचार मंत्रालय में सचिव अजय प्रकाश साहनी ने कहा, "साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में कौशल की कमी को पूरा करना देश की जरूरत है. भारत में साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में कौशल विकास के लिए उद्योग, सरकार और शैक्षणिक क्षेत्र के लोगों की भागीदारी बढ़ी है."

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

महिलाओं को मिलेगा रोजगार

डीएससीआई और माइक्रोसॉफ्ट का यह कार्यक्रम मंत्रालय के सूचना सुरक्षा शिक्षा और जागरूकता (आईएसईए) योजना से जुड़ा है और इससे न सिर्फ कौशल की कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में लाया जाएगा. इस कार्यक्रम के तहत 1,000 महिलाओं देशभर के विभिन्न स्थानों पर प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे.

साइंस ग्रेजुएट को मिलेगा प्रशिक्षण

विज्ञान में स्नातक महिलाएं जिनकी उम्र 20-27 साल है वो साइबर शिक्षा कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त कर सकती हैं. पहले चरण में कार्यक्रम की शुरुआत नोएडा, पटना, हैदराबाद और मोहाली से की जाएगी. यहां कार्यक्रम के पेश होने के मौके पर साहनी के अलावा डाटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के सीईओ रमा वेदाश्री और माइक्रोसॉफ्ट ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट अनंत माहेश्वरी मौजूद थे.

साइबर सुरक्षा इंडेक्स में भारत

वर्ष 2017 में वैश्विक साइबर सुरक्षा इंडेक्स में भारत 165 देशों में 23वें स्थान पर था. यह इंडेक्स दुनिया के देशों की साइबर सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्धता को दर्शाता है. यह दूसरा वैश्विक साइबर सुरक्षा इंडेक्स संयुक्त राष्ट्र दूरसंचार एजेंसी अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार यूनियन (आईटीयू) ने जारी किया था. इस सूची में भारत 0.683 के स्कोर के साथ 23वें स्थान पर है. इंडेक्स में 0.925 के स्कोर के साथ सिंगापुर पहले स्थान पर है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 38 प्रतिशत देशों ने साइबर सुरक्षा रणनीति प्रकाशित की है. 12 प्रतिशत और सरकारें इसे बनाने की प्रक्रिया में हैं.