COVID 19 vaccine and Omicron Variant: कोरोनावायरस की वैक्सीन बनने के बाद वायरस ने कई बार शक्ल बदल ली है. अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा के बाद अब दुनिया ओमिक्रोन वायरस का कहर झेल रही है.  क्या पुराने वायरस के लिए बनी वैक्सीन नए स्ट्रेन पर भी कारगर होगी ? WHO ने ये समझने की कोशिश की है कि पुरानी वैक्सीन कोरोना के वेरिएंट ओमिक्रॉन पर असरदार भी हैं या नहीं. स्टडी क मुताबिक बूस्टर डोज लगवाने वालों में कोरोना के खिलाफ लड़ने की क्षमता बढ़ रही है. चाहे उनकी प्राइमरी वैक्सीन यानी शुरुआती दो डोज और बूस्टर वैक्सीन अलग-अलग हो. 

क्या होती है monovalent और  Bivalent Vaccine  

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स्टडी में ये भी पता चला है कि Mrna तकनीक आधारित bivalent वैक्सीन लेने वालों को कोरोना से लड़ने में ज्यादा मदद मिल पा रही है.  जो वैक्सीन एक स्ट्रेन के आधार पर तैयार की गई है वो मोनोवेलेंट कहलाती है. जिस वैक्सीन को कोरोना के पुराना स्ट्रेन और ओमिक्रान के स्ट्रेन के खिलाफ यानी दो वायरस के खिलाफ मिलाकर तैयार किया गया है वो Bivalent Vaccine कहलाती है. भारत में फिलहाल monovalent वैक्सीन ही मौजूद है जबकि moderna और Pfizer को ओमिक्रान के स्ट्रेन BA.4 और BA.5 के साथ बनाया गया था.  

क्या भारत में है Mrna तकनीक आधारित वैक्सीन? 

Mrna तकनीक आधारित वैक्सीन को वायरस में हो रहे बदलाव के हिसाब से जल्द बदला जा सकता है. जबकि दुनिया भर में शुरुआत में जो वैक्सीन बनी वो सभी monovalent ही हैं. भारत में Gemcovac वैक्सीन भारत की पहली Mrna वैक्सीन है लेकिन अभी ये कोरोना टीकाकरण में शामिल नहीं हुई है। ये वैक्सीन पुणे की Gennova Pharmaceuticals ने बनाई है.   

दुनिया में कितना फैला कोरोना

13 मार्च से 9 अप्रैल के दुनिया के आंकड़े के आधार पर WHO ने एक खाका तैयार करने की कोशिश की है. इससे पता चला है कि कोरोनावायरस से लड़ाई हैं कौन सा देश कैसा काम कर रहा है.  WHO के मुताबिक अमेरिका और यूरोप में केस कम हो रहे हैं लेकिन दक्षिण एशिया में केस लगातार बढ़ रहे हैं – जिसमें मोटे तौर पर भारत में ही मामले सबसे ज्यादा बढ़े हैं. दो महीनों की तुलना करें तो पता चलता है कि दक्षिण एशिया में मार्च की तुलना में अप्रैल में नए केस में 481% और मौतों की संख्या में 109% की बढ़ोतरी हो गई है. 

अमेरिका और यूरोपीय देशों की स्थिति

पूरी दुनिया में अभी भी अमेरिकी और यूरोपीय देशों से ही सबसे ज्यादा मामले दर्ज हो रहे हैं लेकिन पिछले महीने की तुलना में वहां आंकड़े घट रहे हैं जबकि भारत में आंकड़े बढ़ रहे हैं. दक्षिण एशिया में 13 मार्च से 9 अप्रैल के महीने के बीच कुल 80 हज़ार 39 नए केस आए हैं जो 13 फरवरी से 12 मार्च के महीने के मुकाबले 481 गुना हैं. इसी तरह 309 मौतें दर्ज की गई जो कि 109 गुना ज्यादा हैं.  

भारत में कोरोना की स्थिति  

भारत में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के कुल 11,109 नए मामले सामने आए हैं. बीते 236 दिनों में ये कोरोना के सबसे ज्यादा मामले हैं. देश में कोरोना के एक्टिव केस अब 50 हजार के पास पहुंच चुके हैं. कुल कोरोना मरीजों की संख्या अब 49,622 हो गई है. पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा केस केरल से रिपोर्ट हुए हैं. उसके बाद दिल्ली का नंबर है, तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र है. 24 घंटे में 20 मौतें दर्ज हुई हैं. जबकि केरल ने 9 पुरानी मौतें दर्ज की हैं यानी भारत में कोरोना से 24 घंटे में कुल 29 मौतें हुई हैं.  

 

किस वेरिएंट से परेशान है भारत  

पिछले एक महीने में दुनिया भर से कोरोना के तकरीबन 50 हजार सीक्वेंस रिपोर्ट हुए हैं. लेकिन, विश्व स्वास्थ्य संगठन की नजर फिलहाल वेरिएंट XBB.1.5 पर है. इसे वेरिएंट ऑफ इंटरस्ट माना गया है. क्योंकि ये फैलता तेजी से है लेकिन जानलेवा साबित नहीं हुआ है. ये 95 देशों में फैला है और सबसे ज्यादा मामले इसी वेरिएंट के सामने आ रहे हैं। हालांकि XBB.1.16 पर भी WHO की नजर है। लैब स्टडी में पता चला है कि XBB.1.16 दूसरे वेरिएंट XBB.1.5 के मुकाबले तेजी से फैल रहा है.  

भारत में एक लाख की आबादी में कितने संक्रमित?

दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा 80 हज़ार केस रिपोर्ट हुए जिसमें से 66 हज़ार 124 केस केवल भारत से दर्ज किए गए हैं. भारत मे एक लाख की आबादी पर 5 लोग संक्रमित हैं. सबसे ज्यादा 184 मौतें भी भारत से दर्ज हुई. एक लाख में औसतन एक मौत. दक्षिण एशिया में भारत के अलावा इंडोनेशिया, थाईलैंड, नेपाल और मालदीव में भी केस लगातार बढ़ रहे हैं. 

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राहत की बात ये है कि पूरी दुनिया में यूरोप में अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। भारत में ये संख्या ना के बराबर है.  कोरोनावायरस की वजह से दुनिया भर में 30 लाख नए केस और 23 हजार मौते दर्ज हुई हैं. 13 फरवरी से 12 मार्च के महीने के मुकाबले में नए केस की संख्या में 28 प्रतिशत और मौतों की संख्या में 30% की कमी दर्ज की गई है.