कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने शनिवार को कहा कि 2040 तक देश की उर्जा मांग (energy demand) दोगुनी हो जाएगी. जिसके चलते अगले 18 सालों में लगभग 1,500 मिलियन टन थर्मल कोयले (thermal coal) की जरूरत पड़ेगी. साथ ही पर्यावरण को लेकर जागरूकता बढ़ाने की बात कही.

18 साल में दोगुनी हो जाएगी बिजली की मांग 

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कोल मंत्री ने कहा, "2040 तक अनुमानित बिजली उत्पादन लगभग 3000 बिलियन यूनिट होगा, भारत की ऊर्जा मांग 2040 तक दोगुनी हो जाएगी. इस मांग को पूरा करने के लिए, 2040 तक थर्मल कोयले की मांग बढ़कर लगभग 1500 मिलियन टन हो जाएगी."

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देश में कोयले का संकट (Coal Crisis)

आखिर साल अक्टूबर और इस साल अप्रैल में देश के कई हिस्से ऐसे थे जहां कोयले की कमी देखने के लिए मिली. इसका असर पॉवर प्लांट में प्रोडक्शन पर पड़ा. इस साल भी गर्मी की शुरुआत से पहले ही बिजली की मांग में भारी उछाल देखने को मिली. जिसके चलते कई POWER PLANTS में कोयले की कमी हुई. सरकार ने कोयले की सप्लाई को जारी रखने के लिए 1.2 करोड़ टन कोयले का आयात करने की तैयारी की है.

ग्रीन एनर्जी की ओर होगा परिवर्तन 

कोयला मंत्री जोशी ने NLC इंडिया लिमिटेड नेयेली विजिट के दौरान कहा कि, नवीकरणीय ऊर्जा के विकास के साथ कोयला और लिग्नाइट पर निर्भरता को बैलेंस करने के लिए उचित प्रयास किए जा रहे हैं. ग्रीन एनर्जी की ओर ट्रांजीशन धीरे-धीरे होगा. इसी के साथ एनएलसी इंडिया ने एक बयान में कहा कि जोशी ने देश की ऊर्जा सुरक्षा में कोयले के महत्व पर जोर दिया.

पर्यावरणीय लक्ष्य की तरफ तेजी से बढ़ रहा भारत 

प्रहलाद जोशी ने कहा कि, भारत में एक बैलेंस्ड एनर्जी का मिक्स है. और इससे देश को अपने ऊर्जा-पर्यावरणीय लक्ष्यों (energy-environmental goals) की ओर तेजी से बढ़ने में मदद भी मिल रही है.