सबसे बड़ा समुद्री पुल बनकर तैयार, 20 मिनट में पूरा होगा 2 घंटे का सफर,12 जनवरी को PM मोदी करेंगे उद्घाटन
Mumbai Trans Harbour Link: मुंबई से नवी मुंबई को जोड़ने वाला देश का सबसे बड़ा समुद्री पुल बनकर तैयार है. दक्षिण मुंबई से नवी मुंबई की दूरी तय करने में महज 20 से 25 मिनट समय लगेगा.
Mumbai Trans Harbour Link: मुंबई से नवी मुंबई को जोड़ने वाला देश का सबसे बड़ा समुद्री पुल बनकर तैयार है. 22 किलोमीटर लंबे पुल से दक्षिण मुंबई से नवी मुंबई की दूरी तय करने में महज 20 से 25 मिनट समय लगेगा. इसके उद्घाटन के बाद आपका डेढ़ से दो घंटे का बचेगा.
190 सीसीटीवी कैमरे से लैश होगा ब्रिज इस पुल के उद्घाटन के बाद हर गाड़ी से करीब 300 रुपए का ईंधन बचेगा. इस पुल को बनाने में पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा गया है. इसके साथ ही यह पूल पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले 190 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. जिससे अगर कोई गाड़ी खराब होती है , कोई गलत लेन से चल रहा है , पुल पर कोई रुकता है या कोई संदिग्ध गतिविधि दिखाई देता है तो ये कैमरा तुरंत कंट्रोल रूम को खबर कर देगा. 20 हज़ार करोड़ की लागत से हुआ है पुल का निर्माण यह पूल जेएनपीटी के नजदीक है ऐसे में बड़े मालवाहक जहाज के आने-जाने का रास्ता बाधित न हो इसलिए इस समुद्री सेतु को ओएसडी तकनीक से बनाया गया ताकि बड़े माल वाहक जहाज को जाने में कोई अड़चन ना हो. इस पुल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके नीचे से दुनिया की सबसे बड़ी मालवाहक जहाज निकल सकती है. इस समुद्र सेतु को बनाने में 20 हज़ार करोड़ की लागत आयी है. इस पुल के खुलने से इससे जुड़े क्षेत्रों में आर्थिक विकास संभव हो सकेगा. यह समुद्री पुल मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे , मुंबई गोवा हाईवे और नवी मुंबई के प्रस्तावित इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जुड़ेगा. 250 रुपये होगा पूल का टोल महाराष्ट्र के दो बड़े शहरों को जोड़ने वाला ये समुद्र सेतु छह लेन का है. इस पुल का 16.5 किलोमीटर लंबा हिस्सा समुद्र के ऊपर है, जबकि 5.5 किलोमीटर हिस्सा जमीन पर है. देश के सबसे लंबे अटल सेतु पर एक तरफ से 250 रुपये टोल लिया जाएगा, सरकार का मानना है कि इससे लोगों का पैसा और समय दोनों बचेगा, साथ ही ईंधन की खपत कम होने से पर्यावरण को भी फायदा होगा. इस सेतु को बांद्रा वर्ली सी लिंक से जोड़ने के लिए शिवडी वर्ली कनेक्ट रोड बनाया जा रहा है. ब्रिज के किनारे लगाया गया है साउंड बैरियर समंदर के जिस हिस्से में इस पुल को बनाया गया है वहां हर साल सर्दियों में फ्लेमिंगो पक्षी आते है इसको ध्यान में रखकर ब्रिज के किनारे साउंड बैरियर लगाया गया है, साथ ही इसको बनाते समय इस बात का ध्यान रखा गया कि ध्वनि प्रदूषण कम हो एमएमआरडीए का दावा है कि पिछले साल फ्लेमिंगो की संख्या बढ़ गई थी. इस ब्रिज से कोई (बीएआरसी) भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर की तस्वीर या वीडियो न ले इसके लिए व्यू बैरियर लगाया गया है, इसके अलावा ऐसी लाइट्स लगी है जो की सिर्फ ब्रिज पर पड़े और समुद्री जीवों का नुकसान न हो. कोविड के कारण देरी से हुआ पुल का निर्माण इसके निर्माण की योजना मुंबई में 70 के दशक की शुरुआत में बनाई गई थी. ताकि मुंबई को नवी मुंबई से सीधा जोड़ा जा सके. लेकिन साल 2017 में एग्रीमेंट साइन हुआ और फिर 2017 के आखिरी में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों भूमिपूजन किया गया. इस समुद्र सेतु को 2022 तक पूरा होना था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसमें देरी हुई. इसके बावजूद यह देश का सबसे कम समय में बनने वाला इतना लम्बा समुद्री पूल है. मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक पर प्रतिदिन 70,000 से अधिक वाहनों का आवागमन होने की उम्मीद है. 12 जनवरी को पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन यह पुल दक्षिण मुंबई के शिवड़ी से शुरू होकर एलिफेंटा द्वीप के उत्तर में ठाणे क्रीक को पार करते हुए न्हावा शेवा के पास चिरले गांव में समाप्त हो रहा है. इस समुद्री सेतु का नाम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है, और 12 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों इस पूल का उद्घाटन होना है. मुंबई से जाते समय टोल नाका उरन की तरफ पड़ता है जबकि मुंबई की तरफ आते समय उरन की शुरुआत में ही टोल नाका पड़ता है, यह टोल नाका बेहद हाईटेक बनाया गया है जिसका बैरिकेडिंग गेट हमेशा खुला रहेगा क्योंकि 50 मीटर पहले ही पैसा डिडक्ट हो जाए इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है और अगर किसी गाड़ी में टैग नहीं है या फिर गाड़ी का टोल टैक्स ब्लैकलिस्टेड है तो ही बैरिकेडिंग बंद होगी. यहां जानें पूल की खासियत- ये समुद्री पूल 22 किलोमीटर लंबा है जिसका करीब साढ़े 16 किलोमीटर हिस्सा समुद्र में है.
- पूल के ऊपर एक रेस्क्यू पॉइंट है जहां पर अगर कोई हादसा हो जाता है पुल के ऊपर गाड़ी को खड़ी करने के लिए अलग जगह बनाई गई है.
- यू-टर्न करने के लिए जो जगह है उसकी बैरिकेडिंग बेहद खास है जिसे हटाकर ट्रैफिक को क्लियर करने और गाड़ियों को आगे करने के लिए खोला जा सकता है.
- इस पूल पर लगातार निगरानी रखी जाएगी, इसे काफी हाईटेक करीब 130 कैमरे से लगाए गए हैं जो पूल पर लगातार निगरानी रखेंगे, इसके अलावा 36 कैमरे ब्रिज के नीचे लगाए गए हैं जो ब्रिज के नीचे की एक्टिविटी पर नजर रखेंगे.
- इसके साथ ही 190 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले कमरे हैं जो ब्रिज पर किसी भी प्रकार की अनचाही गतिविधि अगर होती है तो यह कैमरे तत्काल तस्वीरों के साथ कंट्रोल रूम को अलर्ट करेंगे.
- 12 स्पीड कंट्रोल कमरे हैं जो गाड़ियां तय सीमा से ज्यादा स्पीड पर चलेंगी तो इस कैमरे की मदद से उनका चालान काटा जाएगा.
- इसके अलावा करीब 6 ऐसे डिस्प्ले लगाए गए हैं जो वाहन चालक को इस बात की जानकारी देगी कि उनकी गाड़ी कितनी स्पीड में चल रही है.