Covid-19 Update: कोविड-19 को लेकर अभी खतरा टला नहीं, WHO के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी चेतावनी
Covid-19 Update: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक वरिष्ठ विशेषज्ञ ने बताया है कि कोविड-19 को लेकर अभी खतरा टला नहीं है. कोविड-19 वायरस के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम वैश्विक स्तर पर बना हुआ है.
Covid-19 Update: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक वरिष्ठ विशेषज्ञ ने बताया है कि कोविड-19 को लेकर अभी खतरा टला नहीं है. कोविड-19 वायरस के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम वैश्विक स्तर पर बना हुआ है, यह वायरस सभी देशों में फैल रहा है. महामारी रोकथाम के लिए जिम्मेदार WHO की अंतरिम निदेशक मारिया वैन केरखोव ने एक विशेष ब्रीफिंग में जिनेवा में कहा कि वेस्ट वाटर एनालिसिस पर आधारित अनुमान के अनुसार, कोविड-19 का वास्तविक प्रसार रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या से दो से 19 गुना अधिक है.
24 घंटे में कोरोना के 441 नए मामले भारत में 24 घंटे में कोरोना के 441 नए मामले सामने आए हैं. वहीं, इस वायरस से एक दिन में किसी की मौत नहीं हुई है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण से किसी की मौत नहीं हुई है, जिससे देश में मरने वालों की संख्या 5,33,412 बनी हुई है. अब तक इतने लोगों को दी गई वैक्सीन भारत में 13 जनवरी को 441 कोविड के मामले सामने आए. इसके बाद से सक्रिय मामले बढ़कर 3,238 हो गए है. मरने वालों की संख्या 5,33,412 रही. देश में रिकवरी दर 98.81% है, मृत्यु दर 1.18% है. भारत में 220.67 करोड़ से अधिक लोगों को COVID-19 वैक्सीन की खुराक दी गई हैं. पिछले 24 घंटों में 407 लोगों को कोरोना वैक्सीन दी गई. जिसके बाद कोरोना वैक्सीन लेने वालों का संख्या बढ़कर 220,67,82,853 हो गई है. 13 जनवरी के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, अब तक 44,484,733 लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं. देश की मौजूदा रिकवरी दर 98.81 फीसदी और भारत में मृत्यु दर 1.18 प्रतिशत है. लॉन्ग कोविड को लेकर सतर्क रहने की जरूरत WHO के एक वरिष्ठ विशेषज्ञ कई अंगों को प्रभावित करने वाली पोस्ट-कोविड स्थितियों (जिसे "लॉन्ग कोविड" भी कहा जाता है) के के बारे में भी चिंता व्यक्त की है. जबकि कोविड पीक पर होने के बाद भी कोविड से संबंधित मौतों में भारी कमी आई है, फिर भी 50 देशों में प्रति माह लगभग 10 हजार मौतें हो रही हैं. वान केरखोव ने वायरस की उभरती प्रकृति के बारे में चिंता व्यक्त की, इसमें डब्ल्यूएचओ द्वारा विश्लेषण किए गए वैश्विक अनुक्रमों में से लगभग 57 प्रतिशत कोविड-19 जेएन.1 वैरिएंट का प्रतिनिधित्व किया गया है. विशेषज्ञ ने कहा, विशिष्ट मानदंडों द्वारा परिभाषित, जिसमें बीमारी के पीक के बाद चार से 12 महीने या उससे अधिक समय तक बनी रहने वाली गंभीर थकान, फेफड़ों की दुर्बलता, तंत्रिका संबंधी समस्याएं और हृदय संबंधी दुर्बलता जैसे लक्षण चिंता का विषय है. अनुमान बताते हैं कि दस में से एक संक्रमण गंभीर मामलों सहित, पोस्ट-कोविड स्थितियों को जन्म दे सकता है.इन्फ्लूएंजा के बढ़ते मामलों पर बरतें सावधानी
वैन केरखोव ने कहा, अभी तक कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, क्योंकि यह अभी भी नया है. इस क्षेत्र पर अपर्याप्त ध्यान दिया गया है और पर्याप्त फंडिंग नहीं की गई है. उन्होंने उत्तरी गोलार्ध (Nमें इन्फ्लूएंजा संक्रमणों की संख्या में तेजी से वृद्धि की चेतावनी भी दी, इसमें 2023 के 51 वें सप्ताह में इन्फ्लूएंजा सकारात्मकता लगभग 20-21 प्रतिशत होगी. विशेषज्ञ ने स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों पर बोझ को कम करने के लिए एक साथ फ्लू और कोविड-19 टीकाकरण की आवश्यकता पर भी जोर दिया. उन्होंने अधिक बूस्टर टीकाकरण का भी आह्वान किया, जो विश्व स्तर पर निम्न स्तर पर है, केवल 55 प्रतिशत वृद्ध वयस्कों (75 या 80 से अधिक) को खुराक मिली है. दिसंबर 2023 के अंत तक, डब्ल्यूएचओ को 7 मिलियन से अधिक लोगों के कोविड-19 से मरने की सूचना दी गई थी.
ऐसे करें कोरोना से बचाव
- घर से बाहर जाने पर हमेशा मास्क का प्रयोग करें.
- घर के आसपास साफ सफाई का ध्यान रखें.
- हमेशा बाहर आने के बाद हाथों को अच्छे से धोएं.
- खांसी-जुकाम होने पर खुद से दवाई न लें.
- ऑफिस या बाहर से आने पर अपना फोन, लैपटॉप और चश्मा सैनिटाइज कर लें.
- खांसने या छींक आने पर हमेशा अपने मुंह को ढक कर रखें.
- किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर खुद से दवा न लें, तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.