MNREGA latest update: केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर (Union Minister of State for Finance Anurag Singh Thakur) ने कहा है कि अगर भविष्य में जरूरत पड़ती है, तो सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (MNREGA) कार्यक्रम के तहत खर्च बढ़ाने से हिचकिचाएगी नहीं. पीटीआई की खबर के मुताबिक, ठाकुर ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने पूर्व में गरीबों तथा समाज के कमजोर तबके के हित में कई कदम उठाए हैं.

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मनरेगा खर्च का अनुमान बढ़ा (MNREGA spending estimates increased)

खबर के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में मनरेगा (MNREGA) खर्च को कम करने के कांग्रेस के आरोप पर ठाकुर ने कहा कि सरकार इसपर खर्च बढ़ा रही है. उनकी तरह संशोधित अनुमान के चरण में इसमें कटौती नहीं कर रही है. उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में मनरेगा खर्च का अनुमान 60,000 करोड़ रुपये था, जिसे बढ़ाकर 71,001.81 करोड़ रुपये किया गया.

लोगों को खूब मिले रोजगार (People get plenty of jobs)

चालू वित्त वर्ष में भी इसे 61,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,11,500 करोड़ रुपये किया गया है. ठाकुर ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में कोविड-19 महामारी की वजह से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा खर्च में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गई है. वित्त वर्ष 2021-22 में मनरेगा खर्च के अनुमान को बढ़ाकर 73,000 करोड़ रुपये किया गया है. चालू वित्त वर्ष के लिए इसका बजट अनुमान 61,500 करोड़ रुपये था.

अनलॉक के बाद अब श्रमिक लौटने लगे हैं (Workers are returning after unlocking)

वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में श्रमिक अपने घरों को लौट गए थे. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने की जरूरत थी. अनलॉक के बाद अब ये श्रमिक लौटने लगे हैं. ऐसे में संभवत: भारी खर्च की जरूरत नहीं होगी. चालू वित्त वर्ष के 9.5 प्रतिशत के ऊंचे राजकोषीय घाटे के अनुमान पर ठाकुर ने कहा कि वित्त वर्ष के लिए यह ऊंचा दिख रहा है. लेकिन सरकार ने 2025-26 तक इसे 4.5 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है.

सरकार को खर्च बढ़ाने का सुझाव मिला था (Government had received suggestions to increase spending)

उन्होंने कहा कि बहुत से अर्थशास्त्रियों ने कोविड-19 से निपटने के लिए सरकार को खर्च बढ़ाने का सुझाव दिया था, जिससे गरीबों का जीवन बचाया सके. साथ ही कारोबार क्षेत्र की भी मदद की गई, जिससे रोजगार को बचाया जा सके. ऐसे में राजकोषीय घाटा कुछ ऊंचा दिख सकता है. उन्होंने कहा कि अभी जो संकेतक मिल रहे हैं, उनको देखकर कहा जा सकता है कि अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटने की राह पर है. बजट में भी अगले वित्त वर्ष में मौजूदा कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद की बढ़ोतरी दर 14.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है.

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