ISRO को सरकार से मिली ये बड़ी छूट, संस्थान को होगा ये फायदा, बदल जाएगा ये नियम
ISRO news today: पहले, इसरो को उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) की एक शाखा पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ) से लाइसेंस लेना पड़ता था.
ISRO news today: केंद्र सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो (ISRO) को बड़ी राहत दी है. सरकार ने अंतरिक्ष रॉकेट के लिए ठोस प्रणोदक (solid propellant) की मैनुफैक्चरिंग, भंडारण, इस्तेमाल और परिवहन के लिए मंजूरी लेने के नियम (ISRO rule change) से छूट दी है. भाषा की खबर के मुताबिक, ठोस प्रणोदक अंतरिक्ष रॉकेट में इस्तेमाल होने वाला मुख्य ईंधन है. सरकार ने कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के तहत यह फैसला किया.
ISRO को पहले लेना पड़ता था लाइसेंस
खबर के मुताबिक, इससे पहले, इसरो को उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) की एक शाखा पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ) से लाइसेंस लेना पड़ता था. डीपीआईआईटी की एक नोटिफिकेशन के मुताबिक यह छूट कुछ शर्तों के तहत दी गई है. शर्तों के मुताबिक, इसरो (Indian Space Research Organization) को विस्फोटकों के निर्माण, भंडारण, परिवहन और उपयोग के लिए विस्फोटक भंडारण एवं परिवहन समिति (एसटीईसी) के गाइडलाइंस का पालन करना होगा.
प्राइवेट सेक्टर को दी मदद
इसरो यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने देश में बनी निजी प्रक्षेपण यान की मदद के लिए हाल ही में पहली बार रॉकेट सिस्टम की सप्लाई की है. चेन्नई स्थित अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमस (Agnikul Cosmos) ने भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) के सहयोग से अपनी पहली उड़ान टर्मिनेशन प्रणाली (एफटीएस) 7 नवंबर को इसरो से हासिल की.
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