भष्ट्राचार और लापरवाही की शिकायत के प्रति जीरो टॉलरेंस को जारी रखते हुए दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने बड़ी कार्रवाई की है. अश्विनी वैष्णव ने ज्वाइंट सेक्रेटरी समेत टेलीकॉम डिपार्टमेंट विभाग के 10 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर करने पर मुहर लगा दी है. भ्रष्टाचार को एकदम बर्दाश्त न करने की नीति और ‘काम करो या काम छोड़ो’ अभियान के तहत यह छंटनी की गई है.

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एक आधिकारिक सूत्र ने शनिवार को इन अधिकारियों को जबरन रिटायर किए जाने के फैसले की जानकारी दी. पहली बार दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों को सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 के पेंशन नियम 48 के धारा 56 (जे) के तहत जबरन रिटायरमेंट दी गई है.

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10 वरिष्ठ अधिकारियों की जबरन छुट्टी

सूत्र ने कहा, टेलीकॉम मंत्री ने संदिग्ध ईमानदारी और भ्रष्टाचार को तनिक भी बर्दाश्त नहीं करने की सरकार की नीति के तहत दूरसंचार विभाग के 10 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट देने की मंजूरी दे दी है. इन 10 अधिकारियों में 9 अधिकारी निदेशक स्तर पर काम कर रहे थे जबकि एक अधिकारी ज्वाइंट सेक्रेटरी स्तर का है. दूरसंचार मंत्री ने यह फैसला हर साल सरकार द्वारा मनाए जाने वाले सुशासन दिवस (Good Governance Day) ​​की पूर्व संध्या से एक दिन किया.

सितंबर में बीएसएनएल (BSNL) के एक वरिष्ठ अधिकारी, जो कैबिनेट द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी देने के बाद वैष्णव की बैठक में झपकी लेते हुए पकड़े गए थे, को सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (voluntary retirement) दे दी गई थी.

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(पीटीआई इनपुट के साथ)