Telecom Bill 2022: 6-10 महीने आ जाएगा नया टेलीकॉम कानून, यूजर्स को मिलेगा ये हक, जानिए डीटेल
Telecom Bill 2022: इस ड्राफ्ट नोटिफिकेशन यूजर्स के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण और अहम मुद्दा है वो है Right to Know. इसके जरिए कंज्यूमर को बड़ी शक्ति मिलेगी और उसे पता चलेगा कि कौन कॉल कर रहा है.
Telecom Bill 2022: फर्जीवाड़ा को कम करने और यूजर्स को ज्यादा पावर देने के लिए सरकार की ओर से टेलीकॉम बिल लाया गया है, जिस पर इंडस्ट्री और एक्सपर्ट से 20 अक्टूबर तक सुझाव मांगे हैं. अभी तो फिलहाल ड्राफ्ट नोटिफिकेशन ही जारी किया गया है लेकिन बाद में सुझाव वगैरह मिलने के बाद इसका फाइनल नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. इस ड्राफ्ट नोटिफिकेशन यूजर्स के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण और अहम मुद्दा है वो है Right to Know. राइट टू नो यानी कि अब ग्राहकों को ये पता होगा कि वॉट्सऐप या दूसरे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर जो उनको कॉल या मैसेज कर रहा है, वो कौन है. इसका मतलब ये हुआ कि इस बिल के पास होने के बाद यूजर्स को ये जानने का हक होगा कि उनको कौन कॉल कर रहा है और कहां से कर रहा है.
6-10 महीने बन सकता है कानून
बता दें कि मौजूदा समय में तो ये बिल के तौर पर पेश किया गया है लेकिन सुझाव और शिकायतें मिलने के बाद इसका फाइनल ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा. इसके बाद सरकार की ओर से बनाई गई कमिटी इसे अप्रूव करेगी और फिर इस बिल को संसद की प्रक्रिया से गुजरना होगा.
इसके बाद 6-10 महीने में ये कानून के तौर पर तैयार हो जाएगा. इस कानून को लाने का मकसद फर्जीवाड़े को रोकना है. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि KYC के लिए वही नाम देना होगा, जो असली है और कनेक्शन भी उसी नाम से लेना होगा, ताकी फर्जीवाड़ा को रोका जा सके.
टेलीकॉम कंपनियों को दिया ये आदेश
नोटिफिकेशन में ये कहा गया है कि अब टेलीकॉम कंपनियों को अपनी जिम्मेदारी निभानी है और सर्विस की नियमतता जारी रहेगी. इसके अलावा अगर स्पेक्ट्रम में कोई डिफॉल्ट होता है तो इस सूरत में स्पेक्ट्रम सरकार को वापस कर दिया जाएगा.
मर्जर और अधिग्रहण प्रक्रिया होगी आसान
इसके अलावा नोटिफिकेशन में ये भी कहा गया है कि आने वाले समय में मर्जर और अधिग्रहण की प्रक्रिया को आसान किया जाएगा. सरकार ने कहा कि मर्जर और अधिग्रहण के लिए इजाजत की जरूरत नहीं. मर्ज हुई एंटीटी को ही सभी नियम और शर्तें फॉलो करनी होंगी. दूरदराज में सेवा के लिए USOF यानी कि यूनिवर्सल सर्विसेज ऑब्लिगेटरी फंड की सुविधा होगी, जो यूनिफाइड सर्विस लाइसेंस के दायरे में आएगा.