ट्रेन के इंजन बनाने से पैसेंजर कार बनाने तक...ऐसे बनी टाटा मोटर्स; Ratan Tata ने लॉन्च की थी पहली कार
रतन टाटा के नाम इतनी उपलब्धियां हैं, कि लोग गिनते गिनते थक जाएंगे लेकिन एक बड़ी उपलब्धि ये भी है कि रतन टाटा ने देश को सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी दी. रतन टाटा ने ऐसी कार बनाईं, जो सेफ्टी के लिहाज से अव्वल हैं.
टाटा ग्रुप के चेयरपर्सन रतन टाटा (Ratan Tata) का 86 साल की उम्र में निधन हो गया है. मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में रतन टाटा ने आखिरी सांस ली है और अब उनके पार्थिव शरीर को NCPA में रखा गया है, ताकि आम लोग उनके आखिरी दर्शन कर पाएं. रतन टाटा इस देश के दिग्गज उद्योगपतियों में से तो एक थे ही लेकिन इसके अलावा वो एक बहुत बड़े philanthropist भी थे. रतन टाटा डोनेशन में ज्यादा विश्वास करते थे. कोरोना के दौरान भी रतन टाटा ने 1500 करोड़ रुपए दान किए थे. रतन टाटा के नाम इतनी उपलब्धियां हैं, कि लोग गिनते गिनते थक जाएंगे लेकिन एक बड़ी उपलब्धि ये भी है कि रतन टाटा ने देश को सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी दी. रतन टाटा ने ऐसी कार बनाईं, जो सेफ्टी के लिहाज से अव्वल हैं. इतना ही नहीं, रतन टाटा ने देश के मिडिल क्लास के लिए सस्ती कार Nano को भी लॉन्च किया और देश की पहली स्वदेशी पैसेंजर कार से भी पर्दा उठाया. आइए जानते हैं कि देश में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में रतन टाटा ने कैसे टाटा मोटर्स की स्थापना की. इसके अलावा कमर्शियल से लेकर पैसेंजर व्हीकल तक कैसे ये पूरा सफर तय किया?
कब शुरू हुई थी टाटा मोटर्स?
टाटा मोटर्स की शुरुआत साल 1945 में हो गई थी. इस दौरान कंपनी का नाम टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी था. बाद में इस कंपनी का नाम बदलकर टाटा मोटर्स रख दिया गया. पहले कंपनी ट्रेन के इंजन बनाने का काम करती थी लेकिन बाद में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में एंट्री ली और पैसेंजर कार बनानी शुरू की. कंपनी ने 1954 से सबसे पहले अपना पहला कमर्शियल व्हीकल लॉन्च किया था. इसके अलावा कंपनी ने मर्सिडीज बेंज के साथ भागीदारी की लेकिन ये वेंचर 1969 तक चला.
Tata Indica बनी पहली कार
ये टाटा मोटर्स की पहली स्वदेशी कार थी. इस कार को भारत में ही डिजाइन और डेवलेप किया गया था. 1998 में रतन टाटा ने सबसे पहले एक कॉम्पैक्ट हैचबैक कार Tata Indica को लॉन्च किया. ये कार टाटा मोटर्स के लिए बड़ी कामयाबी लेकर आई. बता दें कि ये कार टाटा मोटर्स की पहली फैमिली कार थी.
टाटा इंडिका को लोगों की तरफ से इतना प्यार मिला था कि लॉन्च होने के एक हफ्ते के अंदर ही इस कार को 1.15 यूनिट्स की बुकिंग मिल गई थी और अगले 2 साल तक ये कार सबसे ज्यादा बिकने वाली कार रही. इसके बाद कंपनी ने बड़ा कदम उठाया और मिडिल क्लास के लिए एक सस्ती कार को लॉन्च किया.
Tata Nano से उठा पर्दा
साल 2009 में रतन टाटा ने देश के आम लोगों के लिए सबसे सस्ती कार को लॉन्च किया. ये कार थी Tata Nano. इस कार को 1 लाख रुपए की कीमत में लॉन्च किया गया था. कार को ल़ॉन्च करने के पीछे का मकसद मिडिल क्लास को अप्रोच करना था. उन लोगों के लिए कार बनाना था लेकिन बड़ी फैमिली है लेकिन टू-व्हीलर पर सफर करते हैं.
हालांकि कंपनी ने साल 2019 में टाटा नैनो का प्रोडक्शन बंद कर दिया था. 2009 से 2019 तक इस कार को काफी पॉपुलैरिटी मिली लेकिन 2019 के आते-आते इस कार की तरफ लोगों का रख फीका होने लगा. नतीजतन कंपनी ने इस कार का प्रोडक्शन बंद कर दिया.