TATA IPL 2022 latest News: इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier league) के साल 2022 के सीजन की शुरुआत शनिवार से होगा. इस साल हुए नीलामी (IPL Auction) में करोड़ों में कई खिलाड़ियों को फ्रेंचाइजियों ने खरीदा है. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि महंगे में खरीदे जाने के बावजूद भी खिलाड़ियों को प्लेइंग इलेवन में खेलने का मौका नहीं मिलता है. 

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ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर करोड़ों में बिकने के बाद भी खिलाड़ी को खेलने का मौका नहीं मिलता तो क्या उनकी सैलरी में कोई कटौती होती है. दरअसल, अगर किसी खिलाड़ी को कोई टीम खरीदती है, लेकिन उसे पूरे सीजन खेलने का मौका नहीं देती. फिर भी उसकी सैलरी पर किसी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ता है. 

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मैच नहीं खेलने पर भी मिलती है पूरी फीस

पूरे टूर्नामेंट में मैच खेलने का मौका नहीं मिलने वाले खिलाड़ी को भी उसके कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक पूरी फीस मिलती है. क्योंकि वह टीम के साथ उपलब्ध रहता है. वहीं, अगर कोई खिलाड़ी टूर्नामेंट शुरू होने से पहले चोटिल हो जाता है, तब भी टीमों को उससे कॉन्ट्रैक्ट की आधी फीस मिलती है. कई मौकों पर ऐसी परिस्थियां देखने को मिल चुकी है.

खिलाड़ियों की सैलरी से काटी जाती है टीडीएस

नीलामी में बिकने वाले भारतीय क्रिकेटरों की सैलरी में से दस प्रतिशत टीडीएस काटा जाता है. इनकम टैक्स के नियम के मुताबिक टीम खिलाड़ियों को पैसे देने से पहले टीडीएस काटती है. जबकि विदेशी खिलाड़ियों को राशि पर 20% टीडीएस देना होता है. टीडीएस की कटौती के बाद, वे राशि को अपने देश ले जाते हैं. एक खिलाड़ी कितनी राशि घर ले जाता है, इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता है. हर कंपनी खिलाड़ियों के साथ अलग-अलग तरह के अनुबंध करती है. खिलाड़ियों को अनुबंध के अनुसार राशि मिलती है.