Swadeshi MRI Machine: अक्सर डॉक्‍टर गंभीर बीमारी के लिए मरीजों को MRI कराने की सलाह देते हैं. लेकिन MRI की फीस बहुत ज्यादा होती है. गरीब वर्ग ऐसे महंगे टेस्ट बहुत मुश्किल से करा पाता है. ऐसे में MEITY(Ministry of Electronics and Information Technology) ने Siemens के साथ मिलकर करार किया है. इस करार में कहा गया कि अब देश में ही स्वदेशी MRI मशीन बनाई जाएगी. इससे लोगों को काफी फायदा होगा. भारत में गरीब जनता के लिहाज से एमआरआई की फीस बहुत ज्यादा है, लेकिन अब गरीबों को महंगे इलाज को लेकर परेशान नहीं होना होगा. लोगों को मिलेगा सस्ता इलाज MeitY के R&D संस्थान SAMEER ने भारत MRI तकनीक पर Siemens Healthineers के साथ समझौता पर करार किया है. स्वदेशी MRI हर भारतीय के लिए उपयोगी होगा. इससे इलाज तो सस्ता होगा ही साथ ही गरीब वर्ग को परेशान होने की जरुरत नहीं होगी. इस मौके पर राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से लोगों को क्वालिटी और सस्ता इलाज और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है. इसके लिए Siemens शुरुआती दौर में 1500 करोड़ से ज़्यादा का मैन्यूफ़ैक्चरिंग यूनिट के लिए खर्च करेगी. पीएम मोदी का सपना है कि लोगों  सस्ती कीमत पर अच्छी क्वालिटी वाली स्वास्थ्य सुविधाएं मिले.

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सरकार कई क्षेत्रों में कर रही काम

राज्यमंत्री ने कहा, भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र का एक बड़ा क्षेत्र है. मंत्री ने कहा कि सरकार उन वैश्विक कंपनियों के साथ साझेदारी करने के लिए तैयार है जो भारत में अपनी कंपनी सेटअप करना चाहते हैं. हम वैश्विक कंपनियों और भारत के शैक्षणिक संस्थानों के विशाल नेटवर्क के साथ मिलकर विकास पर आधारित Research and Development मॉडल के भी समर्थक हैं. कई क्षेत्रों में सरकार उद्योग के नेताओं और शिक्षाविदों के साथ मिलकर काम कर रही है, इसका उदाहरण देते हुए मंत्री ने कहा, “सरकार भारत में अगली पीढ़ी की प्रतिभा को तैयार करने के लिए एक नया सिलेबस तैयार करने के लिए स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के विशेषज्ञों के मीटिंग करने को तैयार है. मंत्री ने आशा जताया कि MRI(Magnetic resonance imaging) और LINAC (l linear accelerator ) में स्वास्थ्य देखभाल प्रौद्योगिकियों में SAMEER और Siemens Healthineers की विशेषज्ञता का तालमेल करते हुए संयुक्त गतिविधियों को आगे बढ़ाएगी जो भारत में MRI तक पहुंच में सुधार करेगी. 

MRI मशीन का प्रयोग कब होता है

MRI मशीन का प्रयोग दिमाग, कलाई, छाती, हृदय रोग, टखने और जोड़ों के अंदर मौजूद बीमारी का पता लगाने के लिए किया जाता है. यह मशीन परीक्षण के दौरान बहुत ज्यादा शोर करती है. इस मशीन की कीमत बहुत ज्यादा होती है. MRI मशीन रेडियो तरंगों के जरिए काम करती है. MRI जांच सिटी स्कैन के मुकाबले काफी ज्यादा महंगा है.