स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में से एक अहम प्राथमिकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं और देश को खुले में शौच मुक्त करने के अभियान में जुटे हुए हैं. स्वच्छता मिशन के तहत हर घर में पक्के शौचालय बनवाने का तेजी से चल रहा है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस मिशन के तहत पिछले चार साल में 99.2 फीसदी ग्रामीण भारत को कवर किया जा चुका है. यह बात गुरुवार को संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 में कही गई है. 

स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत दो अक्टूबर, 2014 को किए जाने के बाद से देशभर में 9.5 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया है और 5,64,658 गांवों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया गया है. 

आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया कि 14 जून, 2019 तक 30 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में शतप्रतिशत व्यक्तिगत घरेलू शौचालय (आईएचएचएल) कवरेज उपलब्ध कराई जा चुकी है. एसबीएम की बदौलत 93.1 प्रतिशत परिवारों की शौचालयों तक पहुंच होने और 30 राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों में 100 प्रतिशत आईएचएचएल कवरेज ओडीएफ के परिणामस्वरूप अतिसार और मलेरिया के कारण होने वाली मौतों में कमी आई 

केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 पेश किया जिसमें कहा गया है कि पिछले चार वर्षो में 99.2 प्रतिशत ग्रामीण भारत एसबीएम के माध्यम से कवर किया गया है. 

सर्वेक्षण बताता है कि स्वच्छ भारत मिशन से लोगों की सेहत में भी सुधार हुआ है. डायरिया से होने वाली मौतों में भी कमी आई है. रिपोर्ट बताती है कि 2013 में 5 साल से कम उम्र के बच्चों की हुई मृत्यु में 11 फिसदी मामले डायरिया के कारण हुए थे. अब इस तरह के मामलों में 50 फीसदी तक की कमी आई है.