घर खरीददारों के करीब 2900 करोड़ रुपये के गलत इस्तेमाल के मामले में आम्रपाली बिल्डर्स ग्रुप को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए आम्रपाली के फाइव स्टार होटल, लग्जरी कारें, मॉल, एफएमजीसी कंपनी, कॉरपोरेट ऑफिस और घर खरीददारों के पैसे से खरीदी गई अन्य संपत्ति को जब्त करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हजारों लोगों को घर मुहैया नहीं कराया जाना धोखाधड़ी का गंभीर मामला है.

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कोर्ट ने ग्रुप की सारी संपत्ति जब्त करके ऋण वसूली न्यायाधिकरण को संपत्ति नीलाम करने के निर्देश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान आम्रपाली ग्रुप के सीएमडी और निदेशकों को नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों न उनके खिलाफ आपराधिक केस शुरू किए जाएं. इस मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी. सुनवाई के दौरान आम्रपाली के सीएमडी अनिल शर्मा ने माना कि घर खरीदारों के 2900 करोड रुपये दूसरी कंपनियों व अफसरों को बतौर गिफ्ट व अन्य तरीके से दिए गए.

क्या कहा कोर्ट ने

सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप से जुड़े लोगों को कहा है कि घर खरीदारों के जो भी पैसे मिले हैं, उन्हें सुप्रीम कोर्ट के खाते में सोमवार तक जमा कर दें. अगर ऐसा नहीं किया गया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2015 से 2018 तक के बीच के कागजात सोमवार तक फोरेंसिक ऑडिटर्स को दिए जाएं. साथ ही कोर्ट ने NBCC से भी पूछा है कि आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट कैसे पूरे होंगे.

क्या है मामला

आम्रवाली बिल्डर्स के दिल्ली और एनसीआर में कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं. इन प्रोजेक्ट में बड़ी संख्या में लोगों ने फ्लैट खरीदने के लिए पैसा जमा किया. लेकिन आम्रपाली के संचालकों ने प्रोजेक्ट पूरे नहीं किए और घर खरीददारों के इस पैसे को कहीं और खर्च कर दिया. 

आम्रपाली ग्रुप द्वारा दायार हलफनामे के मुताबिक घर खरीददारों से 15 कंपनियों को 11,573 करोड़ मिले थे. इसके अलावा विभिन्न बैंकों और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश से 4040 करोड़ रुपए थे. 10,300 करोड़ रुपए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में निवेश किए हैं.

आम्रपाली के सीएमडी अनिल शर्मा ने कहा कि 5,980 करोड़ रुपए मॉल, रिजॉर्ट, जमीन खरीदने, ऑफिस एडमिनिस्ट्रेशन आदि में खर्च हुए हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने खरीददारों के पैसे को बिजनेस के विस्तार के लिए इस्तेमाल किया गया था, लेकिन इसके नतीजे उम्मीदों के मुताबिक नहीं आए. अनिल शर्मा ने बताया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कंपनी के 170 से ज्यादा टावर हैं, जहां करीब 46,000 लोगों ने घर बुक कराए हैं.