सुप्रीम कोर्ट ने रियल एस्टेट कंपनी आम्रपाली समूह को चेतावनी देते हुए कहा कि आम्रपाली के सभी निदेशकों, उनके परिवारवालों, संबंधियों, मुख्य वित्तीय अधिकारी और लेखा परीक्षकों के नाम से भारत और विदेश में जो भी संपत्ति है, उसका पूरा ब्यौरा अदालत में तीन दिसंबर तक दे.

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अदालत ने कहा कि आम्रपाली और उसके निदेशकों तथा प्रमोटर्स को आखिरी मौका दिया जा रहा है कि वे पिछले साल मई से सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए सभी आदेशों को पूरा करें. जस्टिस अरुण मिश्रा और यूयू ललित की बेंच ने कहा कि आम्रपाली को सभी उन ब्यौरे का खुलासा करना होगा जिससे पता चले कि घर खरीदने वालों के पैसे को कैसे-कैसे और कहां-कहां ट्रांसफर किया गया.

अदालत ने कहा कि ये एकदम साफ है कि आम्रपाली समूह को आवासीय और वाणिज्यिक निर्माण की सभी जानकारी बतानी होगी. अदालत ने कहा, 'अगर आम्रपाली समूह और उसके निदेशकों ने ये सभी जानकारी नहीं दीं, तो उसके बाद जो होगा वो एकदम साफ है.' 

खंडपीठ ने कहा कि कंपनी के अपने सभी निदेशकों की परिसंपत्तियों का 2008 से ब्यौरा देना होगा. उनके परिवारवालों और संबंधियों के नाम पर तो संपत्ति तैयार की गई, उनका भी ब्यौरा देना होगा. कोर्ट ने कहा कि कंपनी घर खरीदने वालों के धन की हेराफेरी की जिम्मेदार है.