सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य आज शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में ये सम्‍मेलन दो दिनों तक आयोजित किया जाएगा. इस बीच पीएम मोदी ने सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में डाक टिकट और सिक्के का अनावरण किया.

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इस मौके पर पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, CJI डीवाई चंद्रचूड़ और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल भी मौजूद रहे. बता दें कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय सम्मेलन में पांच कार्य सत्रों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें जिला न्यायपालिका से संबंधित विषयों जैसे कि इन्फ्रास्ट्रक्चर और मानव संसाधन, सभी के लिए समावेशी न्यायालय, न्यायिक सुरक्षा और न्यायिक कल्याण, मामला प्रबंधन और न्यायिक प्रशिक्षण पर विचार-विमर्श और चर्चा की जाएगी.

इस मौके पर पीएम ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित भी किया. पीएम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 75 वर्ष केवल एक संस्था की यात्रा नहीं है, ये भारत के संविधान और संवैधानिक मूल्यों की यात्रा है. भारत के लोगों ने कभी सुप्रीम कोर्ट, हमारी न्यायपालिका पर अविश्वास नहीं किया. इसलिए सुप्रीम कोर्ट के ये 75 वर्ष मदर ऑफ डेमोक्रेसी भारत के गौरव को और अधिक बढ़ाते हैं. देश संविधान की 75 वर्षगांठ मनाने जा रहा है, इसलिए इस अवसर में भी गर्व और प्रेरणा  है. पीएम ने आगे कहा कि हमारे लोकतंत्र में न्यायपालिका संविधान की संरक्षक मानी गई है. ये अपने आप में एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. हम संतोष के साथ कह सकते हैं कि हमारी सुप्रीम कोर्ट, हमारी न्यायपालिका ने इस जिम्मेदारी का बखूबी निर्वाहन प्रयास किया है.

राष्‍ट्रपति कल देंगी समापन भाषण

सम्‍मेलन का समापन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक सितंबर को करेंगी. इस बीच वो समापन भाषण देंगी और सुप्रीम कोर्ट के ध्वज और प्रतीक चिन्ह का उद्घाटन भी करेंगी. दो दिवसीय इस सम्‍मेलन में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जिला न्यायपालिका के 800 से अधिक प्रतिभागी इस राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन में भाग लेंगे.