रोड एक्सिडेंट को लेकर तैयार किया गया नया ऐप, तत्काल अपलोड हो सकेगी जानकारी, फर्जी इंश्योरेंस क्लेम पर लगेगी लगाम
Road Accident: इस ऐप पर फोटो, दुर्घटनास्थल का वीडियो, क्षतिग्रस्त वाहन, घायल, पीड़ित और चश्मदीद की जानकारी तत्काल अपलोड हो सकेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ती सड़क दुर्घटना को लेकर रोड एक्सीडेंट क्लेम सेटलमेंट के लिए ऐप बनाने के लिए कहा है. यह ऐप 4 हफ्ते के अंदर शुरू हो जाएगी. इसकी जानकारी रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री और NIC और जनरल इंश्योरेंस काउंसिल द्वारा बनाए गए मोबाइल ऐप पर दी गई. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि मोटर वाहन दुर्घटना मामलों के लिए एक ऐप तैयार किया गया है जिसमें मोटर वाहन दुर्घटना से संबंधित सारी जानकारियां एक जगह उपलब्ध होंगी और सभी संबंधित एजेंसियों को एक साथ अलर्ट भी मिल जाएगा. इनमें दुर्घटनास्थल की साइट मैपिंग के साथ जियो टैगिंग होगी.
क्लेम सेटलमेंट में होगी आसानीइस ऐप से दुर्घटना के बाद डिटेल एक्सीडेंट रिपोर्ट पुलिस के द्वारा ऐप में डाली जाएगी. जिसकी सूचना इंश्योरेंस कंपनी को भी तुरंत मिल जाएगी और दुर्घटना के क्लेम सेटेलमेंट आसानी से हो पाएगा.जनरल इंश्योरेंस कंपनियां भी ऐप के जरिए जानकारी जुटा पाएगी.
फर्जी इंश्योरेंस क्लेम पर लगेगी लगामजनरल इंश्योरेंस काउंसिल के सेक्रेटरी जनरल एमएन शर्मा के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह ऐप तैयार किया जा रहा है और इस ऐप में रोड एक्सीडेंट से जुड़ी सभी जानकारियां डाली जाएगी. इस,ऐप की मदद से सेटलमेंट की प्रक्रिया तेज होगी और रोड एक्सीडेंट के जरिए होने वाले फर्जी इंश्योरेंस क्लेम पर लगाम लगेगी.
रोड एक्सिडेंट से जुड़े लाखों केस पेंडिंगइस ऐप पर रोड ऐक्सिडेंट से जुड़े लाखों केस लंबित पड़े हैं. रोड एक्सीडेंट से जुड़ी जानकारी पहुंचाने और क्लेम सेटलमेंट में बहुत देर हो जाती है. इस ऐप पर एक्सीडेंट की जगह टाइम, कारण सभी जानकारियां ऐप में डाली जाएगी. इंश्योरेंस कंपनी के पास भी तुरंत जानकारी पहुंचे और जल्द क्लेम सेटलमेंट होगा.
30 दिन के अंदर करना होगा सेटलमेंटइस ऐप पर मिली जानकारी की मदद से पुलिस भी 30 दिन के अंदर डिटेल एक्सीडेंट रिपोर्ट फाइल करेगी. इंश्योरेंस कंपनी को 30 दिन के अंदर क्लेम भी सेटल करना है.इंश्योरेंस ट्रिब्यूनल को भी रिपोर्ट के मिलने के 30 दिन के अंदर फैसला देना जरूरी होगा.अभी फैसला देने में सालों लगते हैं लेकिन इस ऐप के बाद 90 दिनों के अंदर फैसला आ जाएगा. रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने NIC के साथ मिलकर ऐप बनाया है.