Supertech Twin Towers Noida: नोएडा का ट्विन टावर अब सिर्फ कुछ ही मिनटों का मेहमान है. सिर्फ एक बटन दबाए जाने के बाद ये मलबे का ढेर बन जाएगा और फिर ये हमेशा-हमेशा के लिए सिर्फ यादों में रह जाएगा. सुपरटेक ने अधिकारियों के साथ मिलकर जिस तरह नियमों की धज्जियां उड़ाईं, आज उसकी सजा मुकम्मल हो जाएगी. हालांकि, सुपरटेक ने अपने ट्विन टावर को बचाने की भरसक कोशिशें की. लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर की एक नहीं सुनी और अपने फैसले पर अडिग रहे.

950 फ्लैट्स वाले ट्विन टावर में 711 लोगों ने बुक कराए थे फ्लैट

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नोएडा सेक्टर 93ए में सुपरटेक के ट्विन टावर में एपेक्स और सेयेन नाम के दो टावर हैं. एपेक्स में 32 मंजिल हैं और हर मंजिल पर 14 फ्लैट बनाए गए थे. वहीं, सेयेन 31 मंजिल की है और इसके हर फ्लोर पर 12 स्टूडियो अपार्टमेंट बनाए गए थे. दोनों टावरों में कुल फ्लैट्स की संख्या करीब 950 है. ट्विन टावर में 711 फ्लैट्स की बुकिंग हो चुकी थी. विवाद के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने टावर को गिराने का फैसला सुनाया. इसके साथ ही फ्लैट खरीदने वाले लोगों को 14 फीसदी ब्याज के साथ सारा पैसा लौटाने का भी फैसला सुनाया गया था. लेकिन ग्राहकों के रिफंड को लेकर अभी क्या स्थिति है?

नियम का उल्लंघन करने से बर्बाद हुआ सुपरटेक

कोर्ट के फैसले के बाद सुपरटेक के पैरों के नीचे जमीन खिसक गई. दरअसल कोर्ट ने ट्विन टावर को लेकर जो फैसला सुनाया था, उससे बिल्डर को सिर्फ और सिर्फ नुकसान ही होना था. टावर बनाने में लगाए गए पैसे तो गए ही गए, इसके साथ ही ग्राहकों से बुकिंग में मिले पैसों को भी ब्याज समेत लौटाना था. इतना ही नहीं, टावर गिराने में जो खर्च आएगा, उसका भुगतान भी सुपरटेक को ही करना है. टीवी टुडे नेटवर्क की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुपरटेक के ट्विन टावर्स में 711 बायर्स ने फ्लैट बुक किए थे.

711 में से 59 बायर्स को अभी तक नहीं मिला रिफंड

रिपोर्ट के मुताबिक ट्विन टावर में बुकिंग कराने वाले 711 में से 652 बायर्स के साथ सुपरटेक ने अपने दूसरे प्रोजेक्ट्स में प्रॉपर्टी देकर रिफंड सेटलमेंट कर लिया. लेकिन 59 बायर्स को अभी तक रिफंड नहीं मिला है और न ही उन्हें वादे के मुताबिक कंपनी के दूसरे प्रोजेक्ट्स में कोई प्रॉपर्टी दी गई. बताते चलें कि कोर्ट के फैसले के मुताबिक सुपरटेक को 31 मार्च, 2022 तक सभी बायर्स को ब्याज समेत सारा पैसा लौटाना था. मई में बिल्डर ने कोर्ट को बताया कि उनके पास रिफंड के लिए अब पैसा नहीं बचा है.