Supertech इन्सॉल्वेंसी केस में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का बयान, कहा- कंपनी को देना चाहिए बेहतर सेटलमेंट प्लान
Supertech Insolvency: कंपनी के खिलाफ इन्सॉल्वेंसी कार्यवाही चल रही है. कंपनी को कर्ज देने वाले यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) की अर्जी पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने सुपरटेक लिमिटेड के खिलाफ ऋण शोधन समाधान कार्यवाही शुरू करने का निर्णय किया है.
मामले की अगली सुनवाई 2 मई को होगी. (फाइल फोटो)
मामले की अगली सुनवाई 2 मई को होगी. (फाइल फोटो)
Supertech Insolvency: यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में कहा है कि कर्ज में डूबी रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक को ऐसा सेटलमेंट प्लान पेश करना चाहिए जिसमें बकाया मद में निश्चित शुरुआती भुगतान का ब्योरा हो. कंपनी के खिलाफ इन्सॉल्वेंसी कार्यवाही चल रही है. कंपनी को कर्ज देने वाले यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) की अर्जी पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने सुपरटेक लिमिटेड के खिलाफ ऋण शोधन समाधान कार्यवाही शुरू करने का निर्णय किया है.
2 मई को होगी अगली सुनवाई
एनसीएलटी के ऋण शोधन कार्यवाही आदेश के बाद सुपरटेक के प्रमोटर्स ने अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष निर्णय को चुनौती दी है. राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण की दिल्ली पीठ ने करीब 432 करोड़ रुपये के बकाये का भुगतान नहीं होने के मामले में यूबीआई की याचिका पर 25 मार्च को सुपरटेक लि. के खिलाफ खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया था.
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आदेश को सुपरटेक समूह की कंपनी सुपरटेक के निलंबित निदेशक मंडल के सदस्य आर के अरोड़ा ने चुनौती दी है. मंगलवार को हुई सुनवाई में अपीलीय न्यायाधिकरण ने ऋण शोधन अक्षमता कार्यवाही के तहत कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) गठित करने पर रोक की अवधि दो मई तक के लिये बढ़ा दी है.
बेहतर प्रस्ताव देने का आग्रह
अरोड़ा के वकील ने बैंक को बेहतर प्रस्ताव देने के लिये एक और मौका देने का आग्रह किया था. यूबीआई ने कहा कि उसे सुपरटेक के प्रमोटर्स से प्रस्ताव मिले थे, लेकिन उसने उसे खारिज कर दिया. अपीलीय न्यायाधिकरण ने कहा कि, ‘‘...बैंक के वकील आलोक कुमार ने कहा है कि अगर कोई प्रस्ताव आता है, तो उसमें शुरुआती भुगतान की बात होनी चाहिए. साथ ही भुगतान बहुत लंबी अवधि में किये जाने की बात नहीं होनी चाहिए जैसा कि अपीलकर्ता (अरोड़ा) ने पहले सुझाव दिया था.’’
अरोड़ा के वकील ने कहा कि वे अपने वित्तीय कर्जदाताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं और कुछ शुरुआती पेमेंट की पेशकश भी की है. उन्होंने बैंक से बातचीत के लिये एक और मौका देने का आग्रह किया. अनुरोध को स्वीकार करते हुए चेयरमैन न्यायाधीश अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों की बातों पर गौर करने के बाद, हम मामले की सुनवाई दो मई, 2022 तक स्थगित करते हैं.’’
बेंच ने कहा कि, ‘‘इस बीच, अंतरिम आदेश जारी रहेगा.’’ इससे पहले, अपीलीय न्यायाधिकरण ने कंपनी के आग्रह पर रोक की अवधि मंगलवार तक बढ़ा दी थी. कंपनी ने बैंक से बातचीत के लिये संपर्क करने को लेकर एक सप्ताह का समय देने का अनुरोध किया था. एनसीएलटी ने सुपरटेक लि. के निदेशक मंडल को भंग कर हितेश गोयल को अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त किया हुआ है. कर्ज में चूक उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा (पश्चिम) में इको विलेज-दो परियोजना के लिये दिये गये लोन से संबंधित है. परियोजना को 1,106.45 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है.
04:42 PM IST