त्योहारी सीजन में चीनी महंगी हो सकती है. दरअसल, सरकार ने चालू महीने के लिए महज 22 लाख टन चीनी घरेलू बाजार में आपूर्ति करने की सीमा तय की है, जबकि खपत मांग तकरीबन 25 लाख टन हो सकती है. चीनी कारोबारी बताते हैं कि त्योहारी सीजन में चीनी की मांग ज्यादा होती है, इसलिए आगे खपत के मुकाबले आपूर्ति कम होने से कीमत बढ़ने की पूरी संभावना है.

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सरकार द्वारा पिछले महीने चीनी उद्योग के लिए किए गए करीब 5,500 करोड़ रुपये की राहत पैकेज की घोषणा के बाद से लेकर अब तक चीनी के दाम में तकरबीन 100 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ है. दिल्ली के चीनी कारोबारी सुशील कुमार ने बताया कि अक्टूबर और नवंबर में देशभर में चीनी की खपत मांग तकरीबन 25 लाख टन मासिक रह सकती है क्योंकि इन दो महीनों में दुर्गापूजा और दीपावली जैसे प्रमुख त्योहार हैं जब चीनी की खपत साल में सबसे ज्यादा होती है.

100-150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ सकती है

सरकार द्वारा नए चीनी सीजन 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए गन्ने के दाम में मिलों को 13.88 रुपये प्रति क्विंटल की दर से उत्पादन प्रोत्साहन की घोषणा करने के बाद से लेकर अब तक चीनी के दाम करीब 100 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि अगर नवंबर के लिए चीनी की बाजार आपूर्ति का कोटा नहीं बढ़ाया गया तो आगे चीनी के दाम में और 100-150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ सकती है.

हालांकि नवंबर के बाद उन्होंने चीनी के दाम में मंदी आने की संभावना जताई. सुशील कुमार ने कहा कि नवंबर के बाद चीनी की घरेलू खपत घट जाएगी, जिससे कीमतों में फिर नरमी आ जाएगी. उन्होंने बताया कि दिल्ली में इस समय चीनी का खुदरा मूल्य 37-38 रुपये प्रति किलो है, जबकि थोक में चीनी 3,460-3,600 रुपये प्रति क्विंटल है. 

मिल डिलीवरी रेट शनिवार को 3,320-3,500 रुपये प्रति क्विंटल

बाजार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश में चीनी का मिल डिलीवरी रेट शनिवार को 3,320-3,500 रुपये प्रति क्विंटल था. वहीं, बंबई शुगर मर्चेंट एसोसिएशन के अनुसार, मुंबई में एम-ग्रेड की चीनी की दर 3,230-3,512 रुपये प्रति क्विंटल थी जबकि एस-ग्रेड चीनी 3,102-3,216 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही थी. नाका डिलीवरी रेट एम-ग्रेड का 3,100-3,260 रुपये प्रति क्विंटल और एस-ग्रेड का 3,050-3,160 रुपये प्रति क्विंटल था.