उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अयोध्‍या के बाद अब प्रयागराज में भी भगवान राम की मूर्ति बनाने जा रही है. यह प्रतिमा अयोध्‍या से अलग होगी, क्‍योंकि मूर्ति में भगवान राम के साथ निषादराज भी रहेंगे. प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर में लगने वाली भगवान राम की यह मूर्ति अयोध्या के बाद यूपी में दूसरी सबसे बड़ी प्रतिमा होगी. इस बारे में उत्‍तर प्रदेश के उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने घोषणा की है.

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उत्‍तर प्रदेश के उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पांच दिवसीय राष्ट्रीय रामायण मेले का शुभारम्भ करने के बाद कहा कि भगवान राम के अयोध्या में प्रकट होने के बाद श्रृंगवेरपुर से ही शृंगी ऋषि यज्ञ करने अयोध्या गए थे. श्रृंगवेरपुर ही निषादराज और भगवान राम के मिलन का स्थल है. ऐसे में इसे पर्यटन स्थल के रूप में सरकार विकसित कर रही है. आने वाले दिनों में श्रृंगवेरपुर समरसता के बड़े केन्द्र के रुप में विकसित किया जायेगा. इसके साथ ही श्रृंगवेरपुर को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिंक एक्सप्रेस वे से भी जोड़ा जाएगा.

अयोध्या में भी बनेगी मूर्ति

बता दें कि अयोध्‍या में आयोजित दीपोत्‍सव कार्यक्रम में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में भगवान श्री राम की दर्शनीय मूर्ति स्थापित करने की घोषणा की थी. उन्‍होंने कहा था कि अयोध्या की पहचान भगवान श्री राम से है. पूज्यनीय मूर्ति मंदिर में होगी लेकिन दर्शनीय मूर्ति सरयू किनारे होगी. मूर्ति पर अंतिम चरण का काम चल रहा है.

अयोध्या में प्रस्तावित भगवान राम की मूर्ति की ऊंचाई 151 मीटर होगी और इस तरह यह मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से 31 मीटर कम होगी. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई 182 मीटर है. मुंबई में शिवाजी स्मारक निर्माणाधीन है, जिसकी ऊंचाई स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से अधिक होगी. शिवा स्मारक और भगवान राम की मूर्ति, दोनों के 2021 तक तैयार होने का अनुमान है. हालांकि शिवा स्मारक का काम काफी आगे बढ़ चुका है. इस तरह अयोध्या में प्रस्तावित भगवान राम की मूर्ति भारत की तीसरी सबसे बड़ी मूर्ति और दुनिया की चौथी सबसे बड़ी मूर्ति होगी. इस स्मारक को अभी आधिकारिक रूप से कोई नाम नहीं दिया गया है.