Public sector general insurance companies: सरकार चालू कारोबारी साल में पब्लिक सेक्टर की तीन जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को 3,000 करोड़ से लेकर 5,000 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त पूंजी दे सकती है. सूत्रों ने जानकारी दी कि इन कंपनियों को यह अतिरिक्त पूंजी साल के दौरान उनके प्रदर्शन और जरूरत के आधार पर दी जाएगी. पूंजी निवेश मिलने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों- नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, ओरियंटल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी की वित्तीय सेहत में सुधार होगा.

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पिछले कारोबारी साल में भी मिला था फंडिंग सपोर्ट

पिछले कारोबारी साल में भी सरकार ने इन कंपनियों में 5,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाली थी. वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान इन कंपनियों को सरकार से 9,950 करोड़ रुपये की पूंजी मिली थी. इसमें से 3,605 करोड़ रुपये का निवेश यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस, 3,175 करोड़ रुपये नेशनल इंश्योरेंस और 3,170 करोड़ रुपये ओरियंटल इंश्योरेंस को मिले थे. सूत्रों ने बताया कि कमजोर साधारण बीमा कंपनियों को पिछले वित्त वर्ष में फंडिंग सपोर्ट दिया गया था. इस साल इन कंपनियों को फिर से मुनाफे में लाने के लिए कुछ और फंड की जरूरत है.

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सूत्रों ने बताया कि इन कंपनियों को यह अतिरिक्त पूंजी उनके प्रदर्शन के आधार पर मिलेगी. इन कंपनियों को आगे और फंड दिए जाने की संभावना के मद्देनजर सरकार ने पहले ही उनका ऑथराइज्ड कैपिटल बढ़ा दिया है.

तीनों सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की परिचालन दक्षता (Operational efficiencies) में सुधार के लिए जल्द ही एक बाहरी कंसल्टेंट नियुक्त किया जाएगा. जनरल इंश्योरेर पब्लिक सेक्टर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (जीआईपीएसए) के जरिये सार्वजनिक क्षेत्र की चार कंपनियों ने पुनर्गठन के लिए अनुरोध प्रस्ताव (RFP) भेजा गया है. इसका मकसद मुनाफे की स्थिति में लौटना और कर्मचारियों का विकास है.

आरएफपी में कहा गया है कि मुनाफे वाली वृद्धि और प्रदर्शन और क्षमता के प्रबंधन के जरिये कर्मचारियों के विकास के लिए संगठन के पुनर्गठन का प्रस्ताव है. बोली जमा करने की लास्ट डेट दो जून, 2022 है. पब्लिक सेक्टर की चार साधारण बीमा कंपनियों में सिर्फ न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी ही शेयर मार्केट में लिस्टेड है. बाकी कंपनियों पर पूरी तरह सरकार का स्वामित्व है.