स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने डॉ. रेड्डीज लैब के चेयरमैन से की मुलाकात; Sputnik V के प्रोडक्शन, सप्लाई पर हुई बात
Sputnik V Production:देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है. इसको देखते हुए सरकार वैक्सीनेशन मुहिम को और तेज करना चाहती है, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेट किया जा सके.
Sputnik V Production: भारत में कोरोना वैक्सीनेशन (COVID vaccination) की उपलब्धता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से हर मुमकिन प्रयास किए जा रहे हैं. इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने बुधवार को डॉ. रेड्डीज लैब (Dr Reddy’s Lab) के चेयरमैन डॉ. सतीश रेड्डी (Dr Satish Reddy) से मुलाकात की. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी (Sputnik V) के प्रोडक्शन और सप्लाई को लेकर बातचीत की. इससे पहले, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को संसद में कहा था की जल्द ही चार और भारतीय फार्मा कंपनियां वैक्सीनेशन प्रोग्राम को तेज करने के लिए अक्टूबर-नवंबर तक वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर सकती हैं.
भारत में डॉ. रेड्डीज भारत स्पूतनिक की मार्केटिंग करती है, जल्द ही प्रोडक्शन शुरू करने जा रही है. डॉ रेड्डी लैबोरेटरीज ने भारत में स्पुतनिक वी के प्रोडक्शन के लिए आरडीआईएफ के साथ मई 2021 में करार किया था. देश में कोरोना वैक्सीनेशन तेजी से चल रहा है. अभी तक 49 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है.
सितंबर तक स्पूतनिक का प्रोडक्शन शुरू होने की उम्मीद
हाल ही में रूस के सॉवरेन वेल्थ फंड रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) ने बताया था कि भारत में रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी का प्रोडक्शन सितंबर में पूरी तरह से शुरू होने की उम्मीद है. आरडीआईएफ रूस के बाहर स्पूतनिक की मार्केटिंग के लिए जिम्मेदार है. आरडीआईएफ ने उम्मीद जताई है कि भारत, दुनिया की सबसे बड़े वैक्सीन प्रोडक्शन कंपनियों- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, ग्लैंड फार्मा, हेटेरो बायोफार्मा, पैनेशिया बायोटेक, स्टेलिस बायोफार्मा, विरचो बायोटेक और मोरपेन लेबोरेटरीज के साथ-साथ स्पूतनिक वी वैक्सीन के लिए भी एक बड़ा प्रोडक्शन हब बन जाएगा.
RDIF का छह कंपनियों से करार
रसियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड ने स्पूतनिक वी वैक्सीन के प्रोडक्शन के लिए छह भारतीय वैक्सीन मैन्युफैक्चरर के साथ समझौता किया है. इस करार के तहत डा रेड्डीज भारत में इस वैक्सीन की 12.5 करोड़ डोज बेचेगी. स्पूतनिक वी को द गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी की ओर से डेपलव किया गया था. स्पूतनिक वी को रूस, दक्षिण कोरिया, अर्जेंटीना और यूएई सहित 69 देशों में मंजूरी मिली है.
आरडीआईएफ के मुताबिक, दुनिया के 65 से 70 फीसदी तक स्पूतनिक वी का उत्पादन भारत में होगा. भारत की जरूरतें पूरी होने के बाद रूस इसका एक्सपोर्ट दूसरे देशों में करेगा. रेड्डीज लैबोरेटरीज ने स्पूतनिक-V को 14 मई को भारतीय बाजार में पेश किया था. स्पूतनिक वी को 12 अप्रैल को 2021 को भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी. 14 मई 2021 से स्पूतनिक वी की डोज लगनी शुरू हुई है