Consumer Dispute Redressal: डिजिटल क्रांति के इस युग में ई-कॉमर्स को लेकर भी लोगों की शिकायतें बढ़ रही हैं. मार्केट में इस समय कई सेगमेंट में ई-कॉमर्स प्लेयर्स की या तो मोनोपोली है या फिर बहुत ही कम प्लेयर्स डील करते हैं. इस कारण कंज्यूमर्स के हितों को लगातार नजरअंदाज किया जाता रहै है. ग्राहकों के पास विकल्प कम होने के कारण कंपनियां भी मनमानी करती हैं. ऐसे में बहुत जल्द कंज्यूमर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए ई-कोर्ट की स्थापना की जाएगी, जिसमें शिकायत की सारी प्रक्रिया डिजिटल होगी. वहीं इसके लिए मिनिमम डॉक्यूमेंटेशन की आवश्यकता होगी. 

तुरंत होगी कार्रवाई

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बताया गया कि बहुत जल्द कंज्यूमर्स को ईमेल और WhatsApp के जरिए अपनी शिकायत दर्ज कराने, सुनवाई और रिजल्ट की जानकारी देने की व्यवस्था पर भी विचार किया जाएगा. एक तय सीमा के भीतर इसका डिस्पोजल किया जाएगा. इसमें 21 दिनों में शिकायत पर कार्रवाई और 3 महीने में फैसला देना होगा. जांच समिति वाली मामले में इसे 5 महीने के अंदर पूरा करना होगा.

एक होंगे सभी जांच प्लेटफॉर्म

सरकार BIS समेत सभी जांच अथॉरिटी को एक करने पर भी विचार कर रही है, जिससे कंज्यूमर कोर्ट आने वाले सभी कंज्यूमर्स को समय के भीतर न्याय मिल सके.

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उपभोक्ता मामले के मंत्री पीयूष गोयल ने इसे लेकर कहा कि सरकार गलत और गुमराह करने वाले विज्ञापनों पर कार्रवाई कर रही है. उपभोक्ता भी इस मामले में अपनी राय दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि लंबित मामलों के निपटारे के लिए खाली पदों को भरने की तैयारी की जा रही है. 

वीडियो कॉल से जुड़ेंगे शिकायतकर्ता

उन्होंने कहा कि सरकार कंज्यूमर्स को राहत देने के लिए वीडियो कॉल के माध्यम से शिकायत या सुनवाई में शामिल होने का मौका देगी. डिजिटल कोर्ट और पोर्टल में सुधार के लिए केंद्र सरकार इसमें हिस्सा बढ़ाएगी.

डिजिटल क्रांति से बढ़ी शिकायतों की संख्या

उपभोक्ता मामले के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि ई-कॉमर्स सेक्टर में मोनोपोली बढ़ रही है. साथ ही डिजिटल युग में लोगों का इस तरफ रूझान भी बढ़ा है, जिसने फेसलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा दिया गया है. ऐसे में शिकायतों की संख्या भी बढ़ी है.

नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (National Consumer Helpline) में शिकायतों की एनालिसिस की जाए तो e-commerce से जुड़ी शिकायत 50% से ज्यादा है, इसलिए redressal का सिस्टम बनाना बहुत जरूरी है. टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर मामलों को तेजी से निपटाया जा रहा है.

उपभोक्ता मामले में अपर सचिव निधि खरे ने कहा कि लगातार बढ़ती उपभोक्ता डिमांड और डिजिटल इकोनॉमी में शिकायत का हिस्सा बढ़ रहा हैं. ऐसे में जरूरत बढ़ जाती है कि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की जाए. जिसके लिए शिकायत दर्ज करना आसान हो साथ ही तेज गति से उसका निपटारा भी किया जा सके इसकी व्यवस्था होनी चाहिए.