भारत में 70 साल बाद चीता की दहाड़ सुनी जाएगी. आठ नामीबियाई चीतों को भारत में बसाया जा रहा है. इसके लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने बर्थडे के मौके पर उन्हें कूनो नेशनल पार्क ले जाने वाले हैं, जो इन चीतों का नया घर बनेगा. नामीबिया से उन्हें स्पेशल चार्टर्ड कार्गो फ्लाइट में लाया गया है. इस फ्लाइट ने आज, शनिवार की सुबह मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित एयर फोर्स स्टेशन पर लैंड कर लिया. पीएम मोदी यहां से फिर इन चीतों को नेशनल पार्क में छोड़ेंगे.

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ये चीता लंबा सफर तय करके आ रहे हैं. इन्हें नामीबिया की राजधानी विंडहोक के एक गेम पार्क से पहले रोड से ले जाया गया और फिर यहां से उन्होंने चार्टर्ड बोइंग 747 से 11 घंटों की हवाई यात्रा तय की.

पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम पर ट्वीट कर कहा कि, "देश में वन्यजीवों के संरक्षण के प्रयासों को कल एक नई ताकत मिलेगी. नामीबिया से लाए जा रहे चीतों को करीब 10:45 बजे मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ने का सुअवसर मिलेगा."

भारत इन अफ्रीकी चीतों को एक्सपेरिमेंट के तौर पर स्वदेश ला रहा है. 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि अफ्रीकी चीतों को भारत लाकर उनके लिए जरूरी वातावरण देकर उन्हें बसाने का प्रयोग किया जा सकता है. तबसे केंद्र सरकार इसपर काम कर रही है.

कभी भारत भी एशियाई चीतों का घर हुआ करता था, लेकिन 1952 तक उन्हें यहां से विलुप्त घोषित कर दिया गया. विलुप्तप्राय होने की कगार पर यह चीता कभी मिडिल ईस्ट, सेंट्रल एशियाई देशों और भारत में काफी हुआ करता था. अब इनकी नाममात्र संख्या बस ईरान में रह गई है. (ANI से इनपुट के साथ)