भारत में मौसम की भविष्यवाणी करने वाली निजी कंपनी स्काईमेट के अनुसार इस साल 2019 में मॉनसून के सामान्य से कमजोर रहने की आशंका है. स्काईमेट के मुताबिक जून से सितंबर तक चार माह की मॉनसून अवधि में दीर्घावधि औसत 887 मिलीमीटर के मुकाबले 93% बारिश का अनुमान है. यानी बारिश सामान्य से 7 प्रतिशत कम रह सकती है.

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स्काइमेट के मुताबिक जून-जुलाई-अगस्त-सितंबर में कुल मॉनसूनी बारिश की संभावना इस प्रकार है - 

1. अत्यधिक (सामान्य के मुकाबले 110%) बारिश होने की संभावना - 0%

2. अधिक (सामान्य के मुकाबले 105% से 110%) बारिश होने की संभावना - 0%

3. सामान्य (सामान्य के मुकाबले 96% से 104%) बारिश होने की संभावना - 30%

4. सामान्य से कम (सामान्य के मुकाबले 90% से 95%) बारिश होने की संभावना - 55%

5. सूखे की आशंका (सामान्य के मुकाबले 90% से कम बारिश) -  15%

इस तरह देखा जाए तो इस बार सामान्य से कम बारिश की संभावना सबसे अधिक है. इससे पहले मौसम विभाग के एक अधिकारी ने इस साल सामान्य बारिश की संभावना जताई थी, हालांकि ये उनकी राय थी, न कि मौसम विभाग का आधिकारिक पूर्वानुमान.

स्काईमेट का कहना है कि अलनीनो का असर इस बार कम होगा, लेकिन फिर भी इतना जरूर होगा कि उससे भारतीय मानसून कुछ हद तक प्रभावित होगा. अलनीनो को भारतीय मानसून के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. स्काईमेट के पूर्वानुमानों का असर शेयर बाजार के कारोबार पर भी देखने को मिला और बाजार में गिरावट दर्ज की गई.