स्टैच्यू ऑफ यूनिटी : सिर्फ 3 साल रहेगा दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति का खिताब!
Statue of Unity प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का अनावरण करेंगे. 182 मीटर ऊंची ये मूर्ति इस समय दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का अनावरण करेंगे. 182 मीटर ऊंची ये मूर्ति इस समय दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है। हालांकि, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास ये खिताब सिर्फ तीन साल ही रह सकता है और उसके बाद भारत में ही बन रही एक अन्य मूर्ति इस रिकार्ड को तोड़कर दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति बन जाएगी.
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को गुजरात सरकार ने बनवाया है, जबकि दूसरी ओर महाराष्ट्र सरकार करीब 3800 करोड़ रुपये की लगात से छत्रपति शिवाजी महाराज मेमोरियल का निर्माण कर रही है. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर अब तक कुल 2300 करोड़ रुपये की लागत आ चुकी है. हालांकि कहा जा रहा है कि लागत बढ़कर 3000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है. दोनों ही मूर्तियों को बनाने का ठेका लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) को मिला है.
मुंबई में अरब सागर के भीतर बना रहे छत्रपति शिवाजी महाराज मेमोरियल या शिवा स्मारक को जल्द ही दुनिया के सबसे ऊंचे स्टैच्यू का खिताब मिल जाएगा. शिवा स्मारक की ऊंचाई 190 मीटर है, जबकि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी 182 मीटर ऊंचा है. शिवा स्मारक समिति के अध्यक्ष विनायक मेटे ने बताया है कि शिवा जी का स्टैच्यू दुनिया में सबसे ऊंचा होगा. हालांकि बेस को मिलाने पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई अधिक होगी. इसके अलावा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में सरदार पटेल की सीधी खड़ी मूर्ति है, जबकि शिवा स्मारक की मूर्ति में घोड़े और तलवार की ऊंचाई को भी जोड़ा गया है.
शिवा स्मारक में शिवाजी की मूर्ति के अलावा एक म्यूजियम, एक थियेटर और एक अस्पताल भी होगा. तय कार्ययोजना के मुताबिक ये स्मारक 2021 में बनकर तैयार हो जाएगा. इस तरह स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति होने का खिताब सिर्फ तीन साल रहेगा. हालांकि अभी शिवा स्मारक के डिजाइन को लेकर कुछ पर्यावरणविदों ने आपत्ति जताई है और ये इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर ही तय होगा कि दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति का खिताब किसे मिलता है. और ये खिताब चाहें जिसे भी मिले, इसमें कोई शक नहीं कि भारत को इन दोनों स्मारकों पर गर्व होगा.