SCO Summit: उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति से मिले PM मोदी, हुआ जोरदार स्वागत, एससीओ समिट की बैठक शुरू
SCO Summit: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उज्बेकिस्तान के समरकंद पहुंचे. शिखर सम्मेलन में पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव से मुलाकात की.
SCO SUMMIT: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में पहुंच चुके हैं. यहां उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव ने पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया. एससीओ समिट के तहत होने वाली बैठक शुरू हो गई है. मिली जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी 24 घंटे उज्बेकिस्तान में रहेंगे. जबेकिस्तान के समरकंद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, उज़्बेक राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव और अन्य नेता बैठक स्थल पर पहुंच चुके हैं.
एससीओ शिखर सम्मेलन में सामूहिक फोटोशूट
पीएम नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ, उज़्बेक राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव सहित अन्य नेताओं ने एससीओ समिट में एक सामूहिक तस्वीर ली गई. इस बार एससीओ में रूस, ताजिकिस्तान, चीन, कजाखस्तान, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान शामिल हैं. इस साल ईरान के साथ डायलॉग पार्टनर के तौर पर चार अरब देशों समेत छह नए देशों की एंट्री हुई है.
विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर दी जानकारी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए उज्बेकिस्तान के समरकंद पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उज्बेकिस्तान के पीएम अब्दुल्ला अरिपोव, मंत्रियों, समरकंद क्षेत्र के राज्यपाल और वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वागत किया. PM मोदी क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा, व्यापार और संपर्क, संस्कृति और पर्यटन सहित सामयिक, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिए एससीओ सदस्य देशों के नेताओं के साथ शामिल हुए.
ऑर्गेनाइजेशन में 2017 में भारत स्थाई सदस्य बना
शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन का गठन 2001 में हुआ था. यह एक पॉलिटिकल, इकोनॉमिकल और सिक्योरिटी ऑर्गेनाइजेशन है. भारत, रूस, चीन और पाकिस्तान समेत इसके कुल 8 स्थाई सदस्य हैं. बता दें कि शुरुआत में ऑर्गेनाइजेशन में रूस, चीन, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान ही सदस्य थे. 2017 में भारत और पाकिस्तान के भी इससे जुड़ने से इसके स्थाई सदस्यों की संख्या 8 हो गई.