लॉक डाउन (Lockdown) के कारण जब देश भर के स्कूल बंद हैं तब केंद्र सरकार ने NCERT को एक नई जिम्मेदारी सौंपी है. नई जिम्मेदारी के तहत NCERT के समक्ष ऑनलाइन शिक्षा को सुगम और बेहतर बनाने की चुनौती है.

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स्कूली शिक्षा को ऑनलाइन माध्यमों के जरिए छात्रों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने NCERT के सुझाव मांगे हैं. दरअसल केंद्र सरकार और मानव संसाधन विकास मंत्रालय ऑनलाइन माध्यमों का इस्तेमाल करके प्रत्येक कक्षा के छात्रों को उनके कोर्स से जुड़ी सटीक शिक्षा पहुंचाने के लिए प्रयासरत है. 

इस प्रक्रिया में NCERT के बुद्धिजीवी प्रोफेसरों को भी शामिल किया गया है. NCERT के बुद्धिजीवी प्रोफेसर 'भारत पढ़े ऑनलाइन' अभियान को अधिक धारदार व सफल बनाने के लिए अपने सुझाव देंगे.

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक, ऑनलाइन शिक्षा के इस अभियान को सफल बनाने के लिए एनसीईआरटी के प्रोफेसर, सोशल मीडिया की एक टीम और मायगव की टीम, मंत्रालय के साथ मिलकर काम करेगी.

मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "ऑनलाइन शिक्षा के इस अभियान के पहले चरण में सभी सुझाव ट्विटर और मायगाव वेबसाइट के द्वारा लिए जायेंगे. उसके बाद दूसरे चरण में टॉप 10 सुझाव देने वालों को मंत्रालय की तरफ से या तो ईमेल जायेगा या उनके ट्विटर अकाउंट पर मैसेज भेजा जायेगा, जिसमें उनको एक गूगल फॉर्म दिया जायेगा. इस फार्म में उन्हें अपने सुझावों का विस्तार से ब्यौरा देना होगा."

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निशंक ने ऑनलाइन शिक्षा के बारे में जानकारी देते हुए कहा, "स्वयंप्रभा, दीक्षा, ई-पाठशाला के माध्यम से विभिन्न कक्षाओं के विभिन्न विषयों की पढ़ाई शुरू की गई है."

'भारत पढ़े ऑनलाइन' अभियान का पहला चरण शुक्रवार से शुरू होकर 16 अप्रैल तक चलेगा. इस अभियान के बाद 18 अप्रैल को पहले चरण के विजेताओं के नाम बताये जायेंगे. 19 से लेकर 24 अप्रैल तक दूसरा चरण चलेगा और 28 अप्रैल को विजेताओं के नाम बताये जायेंगे.