आम्रपाली के बाद अब यूनीटेक पर कसा शिकंजा, SC ने दिया फोरेंसिक ऑडिट का आदेश
घर खरीदारों के लिए राहत की खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने मकान देने के नाम पर ग्राहकों से पैसा लेकर वादे से मुकर जाने वाली कंपनी यूनिटेक पर अपना शिकंजा और कस दिया है.
घर खरीदारों के लिए राहत की खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने मकान देने के नाम पर ग्राहकों से पैसा लेकर वादे से मुकर जाने वाली कंपनी यूनिटेक पर अपना शिकंजा और कस दिया है. अब आम्रपाली की तर्ज पर यूनीटेक की कंपनियों का भी फोरेंसिक ऑडिट किया जाएगा, ताकि ये पता चल सके कि कहीं ग्राहकों का पैसा गलत तरीके से यूनीटेक ग्रुप की किसी दूसरी कंपनी को ट्रांसफर तो नहीं कर दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने यूनीटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा की जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया और कहा कि जब तक फोरेंसिक ऑडिट नहीं हो जाता, तब तक जमानत पर विचार नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ऑडिटर नियुक्त करने का आदेश भी दे दिया, जो यूनिटेक की सभी 74 कंपनियों और उनकी सहायक इकाइयों का ऑडिट करेंगे.
कंपनी ने अपने ग्राहकों से वादा किया था कि अगर वह समय पर मकान नहीं दे सकी, तो ग्राहकों को उनकी रकम पर 11 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज दिया जाएगा. हालांकि बाद में यूनीटेक इस वादे से भी मुकर गई. इसके बाद पिछले साल यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा को धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली बिल्डर्स के प्रमोटर्स पर भी ऐसी ही सख्ती दिखाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के फाइव स्टार होटल, लग्जरी कारें, मॉल, FMCG कंपनी, फैक्टरी कॉरपोरेट ऑफिस और होमबॉयर्स के पैसे से खरीदी गई अन्य संपत्ति को अटैच करने के निर्देश दिए थे. कोर्ट ने डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल को ये संपत्ति बेचने का निर्देश दिया.