Sarva Pitru Amavasya 2022: आश्विन मास की अमावस्या को पितृ पक्ष में श्राद्ध करने का अंतिम दिन होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सर्वपितृ अमावस्या के दिन अनिवार्य रूप से पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने की मान्यता है. सर्वपितृपक्ष अमावस्या को विसर्जनी या महालया अमावस्या भी कहा जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, 16 दिन से धरती पर आए हुए पितर इस अमावस्या के दिन अपने पितृलोक में पुनः चले जाते हैं. इस दिन सर्व पितृ विसर्जन होता है, पवित्र नदी में स्नान कर तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध कर कर पितरों को सम्मानपूर्वक विदाई दी जाती है. आइए जानते हैं महालया अमावस्या की तिथि और महत्व. सर्व पितृ आमवस्या 2022 अमावस्या तिथि की शुरूआतः आज 03:12 am से अमावस्या तिथि की समाप्तिः कल 03:23 am तक महालया अमावस्या महत्व पितृ पक्ष का आखिरी दिन महालया अमावस्या  होता है. इस दिन पितरों को दूध, तिल, कुशा, पुष्प मिश्रित जल से तर्पण किया जाता है. पूर्वजों के नाम से उनकी पसंद का भोजन बनाकर कौए, गाय, कुत्ते को दिया जाता है. इसके साथ ही ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है. सर्वपितृ अमावस्या के दिन करें ये उपाय सर्वपितृ अमावस्या के दिन पीपल का पेड़ लगाने की प्रथा है. मान्यता है कि ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और हम पूरे वर्ष खुशहाल रहते हैं. इस दिन गरीब ब्राह्मण को जरुरत की चीजें दान करने की प्रथा है. इस विधि से करें पितरों की विदाई मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान कराया गया भोजन सीधे हमारे पितरों को मिलता है. पितृ विसर्जन के दिन पितरों की विदाई की जाती है. ऐसे में इस दिन आप पितरों का मनपसंद भोजन  बनाकर ब्राह्मणों को भोजन कराएं. सर्वपितृ अमावस्या पर न करें ये काम

  • दरवाजे से किसी को न लौटाएं खाली हाथ
  • किसी का अपमान न करे
  • बिल्कुल भी न करें इन चीजों का सेवन
  • आज के दिन लहसुन, प्याज, अंडा, मांस, मछली, या फिर मदिरा का सेवन न करें.
  • पितृपक्ष के समय कोई भी नई वस्तु न खरीदें, पितरों के विदाई के दिन बाल और नाखून न कटवाएं.
  • पितृपक्ष के समय किसी भी कौवे ,कुत्ते चींटी का किसी भी तरह का कोई नुकसान न पहुंचाए.