किडनी की बीमारी के शिकार बच्चों को मुफ्त में डायलिसिस देने वाला सफदरजंग अस्पताल केंद्र सरकार का दूसरा अस्पताल होगा जो मशीनों और स्टाफ के साथ तैयार है. दरअसल किडनी जब ब्लड को शुद्द करने का अपना काम करना बंद कर देती है तो मशीन के जरिए ब्लड को शुद्द करके वापस मशीन में भेजा जाता है. बच्चों के मामले में डायलिसिस की मशीन तो बड़ों जैसी ही होती है लेकिन मशीन में ब्लड फ्लो सेटिंग, बच्चों का कैन्युला और कैथटर अलग होते हैं. 

एक से पांच हजार रुपए तक खर्चा

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प्राइवेट सेंटर में एक बार के डायलिसिस में 1 से 5 हजार तक खर्चा आ सकता है. दिल्ली में अभी सफदरजंग अस्पताल में जो बच्चे आते थे उन्हें एम्स या कलावती सरन अस्पताल में रेफर किया जाता था. लेकिन अब यहीं सुविधा शुरु होने से गरीब तबके को राहत हो गई है. फिलहाल सफदरजंग अस्पताल को सरकार से दो मशीनें मिली हैं. जिसमें एक दिन में चार डायलिसिस किए जा सकेंगे. हालांकि अभी डायलिसिस शुरु नहीं हुआ है लेकिन इस सप्ताह से ये सुविधा शुरु हो सकती है. 

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बढ़ाई जा सकती है मशीन

अस्पताल की बच्चों के डिपार्टमेंट की हेड डॉ रानी गेरा के मुताबिक अब अस्पताल में ज्यादा बच्चे इस सुविधा का लाभ उठाने आ सकेंगे. जरुरत पड़ने पर मशीनें बढ़ाई जा सकती हैं. अस्पताल ने 2016 में केंद्रीय स्वास्थय मंत्रालय से बच्चों के डायलिसिस की सुविधा मांगी थी 2023 में जाकर मशीनें लगाई जा सकी हैं। अभी तक देश में चुनिंदा सरकारी अस्पतालों में बच्चों के लिए डायलिसिस के लिए सुविधा मौजूद है.