Russia-Ukraine War: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अब तक हजारों मेडिकल स्‍टूडेंट्स भारत लौट चुके हैं. लेकिन अब उन्हें अपने करियर की चिंता सता रही है. वहीं मेडिकल छात्रों के मुद्दे पर IMA (Indian Medical Association) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. इसने यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के भविष्‍य पर चिंता जाहिर की है. आईएमए ने पीएम से विशेष व्यवस्था कर देश के मौजूदा मेडिकल संस्‍थानों में उन्हें एडजस्ट करने का आग्रह किया है. 

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स्थानीय मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन की मांग 

छात्रों को उनके गृह राज्य के अनुसार स्थानीय मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन देने की मांग की गई है. साथ ही कहा गया है कि यह तात्कालिक राहत व्यवस्था है. वहीं इसपर भी जोर दिया गया है कि इसे स्थायी नहीं माना जाए. उनके बचे कोर्सेज के हिसाब से ही एडमिशन दिया जाए. 

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स्वास्थ्य मंत्री से भी करेगा मुलाकात    

IMA का कहना है कि करीब 17 से 20 हजार छात्र अचानक अपनी पढ़ाई छोड़ कर भारत लौटे हैं. ऐसे में उनकी पढ़ाई पूरी करने की कोशिश की जानी चाहिए. छात्रों को मानवीय आधार पर यहां दाखिला दिया जाना चाहिए. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा है कि यदि हम सीट 5 फीसदी भी बढ़ाते हैं तो इन्‍हें समायोजित किया जा सकता है. वहीं इस मसले पर संगठन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से भी मुलाकात करेगा.

अब तक 17 स्पेशल फ्लाइट्स आईं वापस

'ऑपरेशन गंगा' के तहत यूक्रेन के पड़ोसी देशों से अब तक 17 विशेष फ्लाइट्स आई हैं. इनमें 14 नागरिक उड़ानें और तीन सी-17 आईएएफ उड़ानें शामिल हैं. नागरिक उड़ानों के जरिए 3,142 और सी-17 उड़ानों के जरिए 630 यात्रियों को भारत लाया गया. अब तक 43 विशेष नागरिक उड़ानों की सहायता से 9,364 से अधिक भारतीयों को वहां से निकाला जा चुका है.

सी-17 की सात उड़ानों से अब तक 1,428 यात्री भारत आए हैं. वहीं 9.7 टन राहत सामग्री को पहुंचाया गया है. आज (शुक्रवार) की नागरिक उड़ानों में बुखारेस्ट से 4, बुडापेस्ट से 4, कोसिसे से 2, सैजो से 3 और सुसेवा से 2 शामिल हैं. वहीं, आईएएफ ने बुडापेस्ट से 1 और बुखारेस्ट से 2 उड़ानें भरीं हैं.